वॉशिंगटन: अमेरिका स्थित स्टैनफर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा चार्जर तैयार किया है, जो बगैर किसी तार के अपने संपर्क में आने वाली डिवाइस को चार्ज कर सकता है। यह तकनीक आगे चलकर हाईवे पर इलेक्ट्रिक कारों को चार्ज करने के काम भी आ सकेगी। इसके अलावा मेडिकल इंप्लांट और मोबाइल फोन्स को भी इस तकनीक का लाभ मिल पाएगा।
चार्जिंग की यह तकनीक आने के बाद वायरलेस चार्जिंग की क्षेत्र में क्रांति आएगी। ‘नेचर’ नाम के जर्नल में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह तकनीक ऐसी इलेक्ट्रिक कारों के लिए वरदान साबित होगी, जिनकी ड्राइविंग रेंज बहुत ज्यादा नहीं होती। इस तकनीक की वजह से जैसे ही कार इसकी चार्जिंग के दायरे में आएगी, वह खुद-ब-खुद चार्ज हो जाएगी। इस तकनीक की वजह से इलेक्ट्रिक कारें हाईवे पर खुद चार्ज होते हुए आगे बढ़ती जाएंगी। बैटरी को चार्ज करने के लिए कारों को रुकने की जरूरत नहीं होगी।
कैसे काम करेगी यह तकनीक?
इस तकनीक में कार के नीचे कॉइल मौजूद होंगी, जो हाईवे पर लगी कॉइल सीरीज से बिजली रिसीव करेंगी। इस तकनीक से न सिर्फ कारों को, बल्कि अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी चार्ज किए जा सकेंगे। इस तकनीक पर अभी काम चल रहा है और आगे चलकर इस तकनीक का और विस्तार किया जाना है।