न्यूयॉर्क: इंटरनेट पर मिल रही स्वास्थ्य संबंधी जानकारी पर भरोसा करने वाले लोग शायद डॉक्टर के बताए निदान पर कम ही भरोसा करते हैं, लेकिन एक शोध में पता चला है कि इंटरनेट पर मौजूद जानकारी के फायदे तो बहुत सारे हैं, लेकिन यह पूरी तरह से सटीक नहीं हो सकती और मरीज गुमराह हो सकते हैं।
न्यूयॉर्क के होफस्ट्रा यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर व प्रमुख लेखक रुथ मिलानिक ने कहा, ‘इंटरनेट एक शक्तिशाली सूचना का माध्यम है, लेकिन तर्क और सोच में असमर्थ होने की वजह से इसकी क्षमता सीमित है।’ साधारण तौर पर लक्षणों के एक सर्च इंजन में होने से यह वास्तविक चिकित्सकीय स्थिति को नहीं बता सकता। रिसर्चर्स ने कहा कि इस कंप्यूटर आधारित निदान से मरीज गुमराह हो सकते हैं। इससे मरीज अपने डॉक्टरों की योग्यता पर सवाल उठा सकते हैं। इससे निदान में देरी हो सकती है।
मिलानिक ने कहा, ‘इस तरह से इंटरनेट के जरिए लक्षणों के विवरण से एक मरीज और डॉक्टर में विश्वास में कमी आ सकती है।’ हालांकि, जिन लोगों को संदेह है, उन्हें निश्चित तौर पर दूसरी राय जरूर लेनी चाहिए और उन्हें इंटरनेट के सूचना पर डॉक्टर से चर्चा करने से डरना नहीं चाहिए।