सैन फ्रांसिस्को: एक तरफ प्रतिद्वंदी जहां सेल्फ-ड्राइविंग कार विकसित करने में व्यस्त हैं, वहीं दूसरी ओर माइक्रोसॉफ्ट कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) तकनीक का प्रयोग ग्लाइडर में कर रहा है, ताकि खुद उड़ने वाले ग्लाइडर बनाए जा सकें। कंपनी ने अमेरिका के नेवादा राज्य में इसका सफल परीक्षण किया है। द न्यूयार्क टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, माइक्रोसॉफ्ट के शोधकर्ता भारतीय मूल के अशीष कपूर इस परियोजना का नेतृत्व कर रहे हैं और उनके दल ने खुद से हवा में उड़नेवाले 2 ग्लाइडर्स का सफल परीक्षण किया है।
इस रिपोर्ट में कहा गया, ‘कंप्यूटर एल्गोरिदम के प्रयोग से ऑनबोर्ड सेंसर से मिले आंकड़ों का स्वत: विश्लेषण करते हुए ये ग्लाइडर हवा की गति, तापमान व अवरोधों को भांपते हुए खुद अपनी गति और ऊंचाई बनाए रखते हुए उड़ते रहते हैं। वे गर्म हवा की ऊंचाई का अंदाजा लगाकर उसकी मदद से स्वत: देर तक उड़ते रहते हैं।’ माइक्रोसॉफ्ट की योजना ऐसे स्वायत्त विमान विकसित करने की है जो बहुत कम ऊर्जा में घंटों, दिनों और महीनों तक खुद से उड़ान भरते रहें, ताकि इनका प्रयोग मौसम के पैटर्न को वैज्ञानिकों द्वारा ट्रैक करने, फसलों की निगरानी करने या वैसे स्थानों पर इंटरनेट पहुंचाने में किया जा सके, जहां यह अन्यथा अनुपलब्ध है।
स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के एयरोनॉटिक्स और एस्ट्रोनॉटिक्स के प्रोफेसर माइकेल कोचेंडरफर का कहना है कि माइक्रोसॉफ्ट की परियोजना सेल्फ डाइविंग वाहनों से आगे की चीज है। उन्होंने कहा, ‘ऐसे ग्लाइडर से कई सारे महत्वपूर्ण कार्यो को अंजाम दिया जा सकेगा, जिसमें जान-माल का न्यूनतम जोखिम होगा।’