जानिए एप्पल का फोन ज्यादा सुरक्षित है या एंड्रॉयड, कौन सा फोन हो सकता है हैक
प्रोग्राम के दौरान पूछा गया कि एंड्रॉयड सुरक्षित हैं या फिर एप्पल आईफोन। इस पर साकेत मोदी ने कहा कि एंड्रॉयड के मुकाबले एप्पल ज्यादा सुरक्षित है।
नई दिल्ली। भारत की जनसंख्या लगभग 125 करोड़ है वहीं 118 करोड़ मोबाइल यूजर हैं, जिसमें से 30 करोड़ के पास स्मार्टफोन है। स्मार्टफोन को आप छोटा सा कंप्यूटर मान सकते हैं, इस पर लगभग वे सब काम हो सकते हैं जिनके लिए हमें पहले भारी भरकम फोन की जरूरत होती थी। यही नहीं आज से 5 से 10 साल पहले जहां डेस्कटॉप हैकर्स के निशाने पर होते थे, वहीं आज उनके निशाने पर स्मार्टफोन हैं। यह वास्तव में उनके सॉफ्ट टार्गेट भी हैं। क्योंकि स्मार्टफोन में लोड की गई एप्स के जरिए उन्हें आसानी से हैक किया जा सकता है।
इंडिया टीवी के खास कार्यक्रम में एथिकल हैकर साकेत मोदी ने न सिर्फ मोबाइल हैक करके बताया बल्कि मोबाइल सिक्योरिटी को लेकर भी कई सलाह दीं। प्रोग्राम के दौरान उनसे पूछा गया कि एंड्रॉयड स्मार्टफोन सुरक्षित हैं या फिर एप्पल आईफोन। इस पर मोदी ने कहा कि एंड्रॉयड के मुकाबले एप्पल ज्यादा सुरक्षित है। क्योंकि एप्पल में सिक्योरिटी थोड़ी ज्यादा तगड़ी है। क्योंकि एप्पल आपके फोन को कोई एप अपने आप रन करने की अनुमति नहीं देता है। लेकिन एंड्रॉयड ज्यादा लोग यूज करते हैं, हालांकि यहां पर भी सिक्योरिटी को लेकर सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।
साकेत मोदी ने इस दौरान एक दर्शक जैस्मिन का फोन भी हैक करके दिखाया। हालांकि यहां पर उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि उनका डेटा और कहीं भी यूज नहीं होगा। इसके बाद साकेत मोदी ने फोन को 20 सेकेंड के लिए अपने पास लिया और फिर वापस कर दिया। इसके बाद उन्होंने चंद मिनट में ही उनके फोन की पूरी डिटेल प्रोजेक्टर स्क्रीन पर डिस्प्ले कर दी। जिसमें जैस्मिन के फोन की कॉल डिटेल, कॉन्टेक्ट नंबर, मैसेज ही नहीं बताए बल्कि जीपीएस के माध्यम से उनकी लोकेशन भी बता दी। यह सब बेहद ही चौंकाने वाला था।
इस तरह रखें मोबाइल सुरक्षित
कार्यक्रम में साकेत मोदी ने लोगों को आगाह करते हुए कहा कि भूलकर भी किसी अंजान व्यक्ति को अपना मोबाइल इस्तेमाल न करने दें, इसके साथ ही अपने फोन और उसमें मौजूद एप को सिक्योरिटी फीचर के साथ लॉक रखें। साथ ही किसी भी एप को अपनी फोनबुक, कैमरा, मैसेज एक्सेस करने की अनुमति न दें। यदि आप एप इंस्टॉल करते भी हैं तो जरूरत पूरी करने के बाद आप उसे डिसेबल भी कर सकते हैं। आप एंड्रॉयड या आईओएस ऑपरेटिंग सिस्टम इस्तेमाल करते हैं तो आपको समय-समय पर मोबाइल की सेटिंग में जाकर एप को दी गई एक्सेस की अनुमति को डिसेबल भी जरूर करें।