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यह है लकड़ी से बनी दुनिया की पहली सुपरकार, नाम है स्प्लिंटर

पुराने जमाने में लोग लकड़ी से बनी बग्घियों और तांगो पर सफर किया करते थे। लेकिन क्या आपकी नजर आज तक लकड़ी से बनी किसी कार पर पड़ी है? जी हां, अजूबों से भरी इस दुनिया में एक ऐसी कार भी है जिसके निर्माण में ज्यादा से ज्यादा लकड़ी का ही प्रयोग हुआ है।

स्प्लिंटर।- India TV Hindi स्प्लिंटर।

नई दिल्ली: पुराने जमाने में लोग लकड़ी से बनी बग्घियों और तांगो पर सफर किया करते थे। लेकिन क्या आपकी नजर आज तक लकड़ी से बनी किसी कार पर पड़ी है? जी हां, अजूबों से भरी इस दुनिया में एक ऐसी कार भी है जिसके निर्माण में ज्यादा से ज्यादा लकड़ी का ही प्रयोग हुआ है। यहां तक कि इस कार की सीटें और डैशबोर्ड तक लकड़ी से बनाया गया है। इस अनोखी कार को बनाया है अमेरिका की हार्मन कंपनी ने और इसका नाम है स्प्लिंटर। 

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स्प्लिंटर लकड़ी से बनी दुनिया की पहली सुपरकार है और इसे बनाने में 5 साल का लंबा वक्त लगा है। कंपनी ने इस कार के कलपुर्जों को बनाने में भी जहां तक संभव था लकड़ी का ही इस्तेमाल किया है। कंपनी की सोच थी कि लकड़ी एक ऐसा प्राकृतिक संसाधन है जिसको दोबारा पैदा किया जा सकता है और खराब होने पर इसका निपटारा भी आसान है। साथ ही वजन और ताकत का रेशियो निकाला जाए तो यह स्टील और ऐल्युमिनियम से कहीं ज्यादा मजबूत भी होती है। इसीलिए इसके निर्माता के दिमाग में आया कि क्यों न लकड़ी की ही एक सुपरकार बनाई जाए।

यहां से मिली प्रेरणा
इस सुपरकार को बनाने की प्रेरणा द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान इस्तेमाल में आए ऐरोप्लेन हैविलैंड मॉसक्विटो से मिली। रॉल्स-रॉयस के दो ताकतवर वी12 इंजन के गठजोड़ के दम पर यह उस जमाने का पिस्टन पर उड़ना वाला सबसे तेज प्लेन था। और खास बात यह थी कि यह प्लेन पूरी तरह लकड़ी से बनाया गया था। स्प्लिंटर पर काम नॉर्थ कैरोलाइना स्टेट यूनिवर्सिटी में ग्रैजुएट स्कूल प्रोजेक्ट के तहत शुरू किया गया था और तबसे इसपर काम जारी है...

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