मेनलो पार्क (अमेरिका):फेसबुक ने कहा है कि वह चेहरे पहचानने की प्रणाली(Face Recognition System) को बंद करेगा और एक अरब से भी ज्यादा लोगों के फेसप्रिंट को डिलीट करेगा। फेसबुक की नयी पैरेंट (होल्डिंग) कंपनी ‘मेटा’ में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस डिपार्टमेंट के उप प्रमुख जेरोम पेसेंटी द्वारा मंगलवार को पोस्ट किए गए ब्लॉग के अनुसार, ‘‘टेक्नोलॉजी के इतिहास में चेहरा पहचानने के उपयोग की दिशा में यह कदम सबसे बड़ा बदलाव होगा।’’ पोस्ट के अनुसार, ‘‘फेसबुक के सक्रिय उपयोक्ताओं में से एक तिहाई से ज्यादा लोगों ने हमारी चेहरे पहचानने की सेटिंग को स्वीकार किया है और वह पहचान करने में सफल रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप एक अरब से भी ज्यादा लोगों के चेहरे पहचानने के टेम्लेट को मिटाया जाएगा।’’
आपको बता दें कि इससे पहले पिछले हफ्ते फेसबुक ने कंपनी का नाम बदलने की बात कही थी। कंपनी की ओर से यह कहा गया था वह अपना नाम अब फेसबुक से बदलकर मेटा रख रही है। इसके साथ ही यह भी कहा गया था कि वह इंटरनेट के सफर में कल्पनासीलता को बढ़ावा देने के लिए टेक्नोलॉजी के उपयोग पर ध्यान केंद्रित करेगी।
फेसबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मार्क जुकरबर्ग ने कहा था कि भविष्य के लिए डिजिटल रूप से हो रहे बदलाव को शामिल करने के प्रयास के तहत उनकी कंपनी को अब नये नाम ‘मेटा’ के तौर पर जाना जाएगा। जुकरबर्ग इसे ‘‘मेटावर्स’’ कहते हैं। जुकरबर्ग का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि अगले दशक के भीतर ‘मेटावर्स’ एक अरब लोगों तक पहुंच जाएगा।
जुकरबर्ग का कहना है कि ‘मेटावर्स’ एक ऐसा प्लेटफॉर्म होगा जिस पर लोग संवाद करेंगे तथा उत्पाद एवं सामग्री तैयार करने के लिए कार्य कर सकेंगे। उन्हें उम्मीद है कि यह एक ऐसा नया प्लेटफार्म होगा जो रचनाकारों के लिए ‘‘लाखों’’ नौकरियां सृजित करेगा। यह घोषणा ऐसे समय पर आयी है जब फेसबुक अस्तित्व के संकट का सामना कर रहा है। फेसबुक पेपर्स में खुलासे के बाद इसे दुनिया के कई हिस्सों में विधायी और नियामक जांच का सामना करना पड़ रहा है।
इनपुट-भाषा