फेसबुक ने तमाम अनुरोध के बावजूद ब्रसेल्स हमलों के बाद अपना सेफ्टी चेक फीचर कई घंटों तक चालू नहीं किया। यह फीचर यूज़र्स को यह सुविधा देता है कि वह आतंकवादी हमले या प्राकृतिक आपदा वाले इलाके में फंसने पर अपने सुरक्षित होने की बात फेसबुक दर्ज कर सके। फेसबुक की इस बात के लिए निंदा की जाती रही है कि वह इस फीचर को किसी-किसी इलाके में ही एक्टिव करता है और कई स्थानों पर बहुत देर से एक्टिव करता है।
ब्रसेल्स एयरपोर्ट और मेट्रो में हुए धमाकों में 34 लोगों के मारे जाने और 151 के घायल होने का समाचार है। धमाकों में जब दर्जनों लोगों के मारे जाने की खबर आई, तो सोशल मीडिया पर अनेक यूज़र्स ने फेसबुक से आग्रह किया कि वह सेफ्टी फीचर को खोल दे, ताकि मुसीबत में फंसे लोग अपने सुरक्षित होने की बात अपने सगे-संबंधियों व दोस्तों के साथ शेयर कर सकें। सोशल मीडिया पर यूज़र्स फेसबुक से यह निवेदन इसलिए भी कर रहे थे, क्योंकि ब्रुशेल्स का फोन नेटवर्क कुछ वक्त के लिए जाम हो गया था।
फेसबुक ने अपने सेफ्टी चेक फीचर को पहली बार पिछले साल पेरिस पर हुए आतंकवादी हमले के बाद चालू किया था। उससे पहले यह फीचर केवल प्राकृतिक आपदाओं के वक्त ही एक्टिव किया जाता था। तभी से सोशल मीडिया पर यूज़र्स फेसबुक की इस रणनीति की निंदा करते आ रहे हैं कि सेफ्टी चेक जैसे उपयोगी फीचर को केवल कुछ ही मामलों में एक्टिव किया जाता है। मसलन पेरिस में आतंकी हमले पर सेफ्टी चेक को एक्टिव कर दिया गया, जबकि खाड़ी देशों औऱ अफ्रीका में हुए आतंकी हमलों के बाद इस फीचर को चालू नहीं किया गया।