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भारतीय कानून की गलत जानकारी के आधार पर कार्रवाई कर रहे हैं फेसबुक मॉडरेटर: रिपोर्ट

फेसबुक ‘‘दुनिया भर में अपनी वजह से फैली नफरत और गलतफहमी’’ को नियंत्रित करने की कोशिश में है। लेकिन, फेसबुक मॉडरेटर भारतीय कानून की गलत जानकारी के आधार पर कार्रवाई कर रहे हैं। ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने अपने एक लेख में ये जानकारी दी।

<p>‘न्यूयॉर्क...- India TV Hindi ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ के मुताबिक फेसबुक मॉडरेटर भारतीय कानून की गलत जानकारी के आधार पर कार्रवाई कर रहे हैं।

न्यूयॉर्क: फेसबुक ‘‘दुनिया भर में अपनी वजह से फैली नफरत और गलतफहमी’’ को नियंत्रित करने की कोशिश में है, लेकिन अक्सर भारतीय कानून के बारे में सही जानकारी नहीं होने से उसके मॉडरेटरों को भारत में धर्म को लेकर किए गए कमेंट को हटाने के लिए कह दिया जाता है। अमेरिकी मीडिया ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने अपने एक लेख में ये जानकारी दी।

फेसबुक के मॉडरेटर सोशल नेटवर्किंग साइट पर भ्रामक कंटेंट को नियंत्रित करने का काम करते हैं। इन मॉडरेटरों को समय-समय पर फेसबुक के कर्मचारी कानून को लेकर दिशा निर्देश देते हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, हर मंगलवार सुबह फेसबुक के कई कर्मचारी नाश्ते पर जमा होते हैं और नियमों पर चर्चा करते हैं कि साइट पर दो अरब यूजर्स को क्या करने की अनुमति हो और क्या नहीं।

इन बैठकों से जो दिशानिर्देशों उभर कर सामने आते हैं उन्हें दुनियाभर में 7,500 से अधिक मॉडरेटरों को भेज दिया जाता है। रिपोर्ट में कहा गया कि फाइलों की जांच से कई खामियों, पूर्वाग्रह और त्रुटियों का खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार भारत में मॉडरेटरों को अक्सर भूलवश धर्म की आलोचना वाले कमेंट हटाने के लिए कह दिया जाता है। 

इसके अनुसार कानूनविद् चिन्मयी अरुण ने भारत में फेसबुक के दिशानिर्देशों में भूल की पहचान की। रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘एक नियम में मॉडरेटरों को कहा गया है कि सभी धर्मों की निंदा वाले पोस्ट भारतीय कानून का उल्लंघन है और उन्हें हटा दिया जाना चाहिए। ये अभिव्यक्ति पर अंकुश है और जाहिर तौर पर गलत है।’’

अरुण ने हालांकि ये कहा कि भारतीय कानून सिर्फ कुछ हालातों में ईशनिंदा पर रोक लगाता है, जब ऐसे कथनों से हिंसा भड़के। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार एक अन्य नियम में कहा गया है कि मॉडरेटर ‘‘फ्री कश्मीर’’ जैसे नारों पर नजर रखें। रिपोर्ट में भारत और पाकिस्तान के लिए फेसबुक के नियमों का भी जिक्र है कि किस तरह से कंपनी ने ऐसी सामग्री को हटाया जिनसे कानूनी चुनौतियों का खतरा था।