नई दिल्ली: माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म Twitter ने पूर्वाग्रह के आरोपों के संबंध में बुधवार को कहा कि इस मसले पर वह भारत सरकार के संपर्क में है। Twitter ने यह बात दक्षिणपंथी खातों के खिलाफ पूर्वाग्रह अपनाने को लेकर संसद की एक समिति द्वारा उसे समन किए जाने के बाद कही है। ट्विटर इंडिया के प्रवक्ता ने कहा कि इस मसले पर वर्तमान में सरकार के साथ बातचीत चल रही है और इस समय कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती है। हालांकि यह अभी तक साफ नहीं हो पाया है कि 11 फरवरी की बैठक में ट्विटर का प्रतिनिधित्व कौन करेगा।
सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय समिति ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों पर नागरिकों के अधिकार के सुरक्षा के मुद्दे पर ट्विटर अधिकारियों को तलब किया है। समिति के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया था कि इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रतिनिधियों को भी बैठक में शामिल होने के लिए कहा है। अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को ट्वीट किया था कि समिति 11 फरवरी को संसद भवन में होने वाली बैठक में सोशल मीडिया/ऑनलाइन न्यूज प्लेटफॉर्मो पर नागरिक अधिकार की रक्षा के मसले की जांच करेगी।
यह मसला तब सामने आया, जब अधिवक्ता व कार्यकर्ता ईशकरण सिंह भंडारी ने 28 जनवरी को गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर उन्हें कथित भेदभाव व अनुचित कार्य-व्यवहार से अवगत कराया। उन्होंने ट्विटर पर इसे राष्ट्र की सुरक्षा को खतरा बताया। आपको बता दें कि कुछ दिन पहले दक्षिणपंथी संगठन ‘यूथ फॉर सोशल मीडिया डेमोक्रेसी’ के सदस्यों ने ट्विटर के कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन करते हुए आरोप लगाया था कि ट्विटर ने ‘दक्षिणपंथ विरोधी रुख’ अख्तियार किया है और उनके ट्विटर खातों को बंद कर दिया है।