#DeleteNamoApp अभियान छेड़ने वाली कांग्रेस ने हटाया अपना ही ऐप, BJP ने कसा यह तंज
भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पर यूजर्स का डेटा सिंगापुर की एक कंपनी के साथ साझा करने का आरोप लगाया था...
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी द्वारा उठाए गए सवालों के बाद कांग्रेस ने अपना ऐप गूगल प्ले स्टोर से हटा लिया है। इसके अलावा पार्टी ने मेंबरशिप वेबसाइट को भी हटा दिया गया है। दरअसल, भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पर यूजर्स का डेटा सिंगापुर की एक कंपनी के साथ साझा करने का आरोप लगाया था। ऐप डिलीट करने के बाद बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि कहां कांग्रेस नमो ऐप डिलीट करवाने की बात कर रही थी, और अब खुद अपना ही ऐप डिलीट कर दिया।
अमिल मालवीय ने एक ट्वीट में लिखा, 'राहुल गांधी ने नमो ऐप डिलीट करने का आवाह्न किया था, लेकिन सवाल उठने के बाद कांग्रेस ने ऐप स्टोर से खुद अपना ही ऐप डिलीट कर दिया। कांग्रेस पार्टी क्या छिपा रही है?' उन्होंने आगे लिखा, 'कांग्रेस की मेंबरशिप वेबसाइट भी अब उपलब्ध नहीं है। वहां संदेश लिखा आ रहा है कि 'हम वेबसाइट में कुछ छोटे सुधार कर रहे हैं। कृपया कुछ समय बाद कांग्रेस की सदस्यता की प्रक्रिया तक पहुंच बनाने के लिए वापस आएं।' कांग्रेस पार्टी क्या छिपाने की कोशिश कर रही है?'
इससे पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सोमवार को कांग्रेस पर उपभोक्ताओं का डाटा सिंगापुर की एक कंपनी के साथ साझा करने का आरोप लगाया था। बीजेपी का यह आरोप कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा एक मीडिया रिपोर्ट का जिक्र करने के एक दिन बाद आया है जिसमें एक फ्रांसीसी हैकर ने सिलसिलेवार ट्वीट्स के जरिए आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी के नमो ऐप के उपभोक्ताओं के ईमेल आईडी, फोटो, लिंग व नाम सहित निजी जानकारियां बिना उनकी इजाजत के तीसरी पार्टी के साथ साझा की जा रही हैं।
बीजेपी नेता अमित मालवीय ने कांग्रेस की वेबसाइट की गोपनीयता नीति का स्क्रीनशॉट संलग्न करते हुए ट्वीट किया, ‘हाय! मेरा नाम राहुल गांधी है। मैं भारत की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी का अध्यक्ष हूं। जब आप हमारे आधिकारिक ऐप के लिए साइन अप करते हैं तो मैं आपका सभी डाटा सिंगापुर के अपने दोस्तों को दे देता हूं।‘ मालवीय बीजेपी के राष्ट्रीय सूचना व प्रौद्योगिकी शाखा के प्रभारी हैं। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस को स्पष्ट तौर पर यह बताने के लिए पूरे अंक मिलते हैं कि वे आपका डाटा किसी को भी दे देंगे। इसमें अज्ञात वेंडर, अज्ञात स्वंयसेवकों व इसी तरह के दूसरे समूह शामिल हैं।’