नई दिल्ली: CBI ने सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म से भारतीयों के अवैध तरीके से व्यक्तिगत डेटा जुटाने के संबंध में दुनिया की सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट Facebook, कैम्ब्रिज एनालिटिका और ग्लोबल साइंस रिसर्च को चिट्ठी लिखी है। सूत्रों से मिली इस जानकारी के मुताबिक, कंपनियों को भेजे गए पत्रों में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने उनके द्वारा डेटा संग्रह के लिए अपनाए गए तरीके का ब्योरा मांगा है। केंद्र द्वारा मामला सौंपे जाने के बाद जांच एजेंसी ने कथित डेटा लीक के लिए पिछले महीने कैम्ब्रिज ऐनालिटिका और ग्लोबल साइंस रिसर्च के खिलाफ प्रारंभिक जांच शुरू की थी।
यह आरोप लगाया गया है कि कैम्ब्रिज ऐनालिटिका ने ग्लोबल साइंस रिसर्च से डेटा प्राप्त किया, जिसने फेसबुक का उपयोग करके भारतीयों के निजी डेटा जुटाने के लिए ‘अवैध साधनों’ का इस्तेमाल किया। फेसबुक के भारत में 20 करोड़ से अधिक उपयोगकर्ता हैं। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक जांच यह तय करने के लिये पहला कदम है कि आरोपों की प्राथमिकी के जरिये पूरी तरह से जांच करने की आवश्यकता है या नहीं। डेटा माइनिंग और विश्लेषण फर्म कैम्ब्रिज ऐनालिटिका पर पहले आरोप लगे थे कि उसने 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को जीतने में मदद करने के लिये 8.7 करोड़ फेसबुक अकाउन्ट से व्यक्तिगत जानकारी का इस्तेमाल किया।
केंद्रीय कानून और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जुलाई में राज्यसभा को बताया था कि जांच CBI को सौंपी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा था कि ऐसी भी खबरें हैं कि उपयोगकर्ताओं का डेटा फेसबुक से संबंध रखने वाले ‘हार्डवेयर निर्माताओं ने अवैध रूप से हासिल किया। इस मुद्दे के संबंध में फेसबुक ने कहा कि उसे भारतीय उपयोगकर्ताओं की सूचना समेत किसी भी सूचना के दुरुपयोग की जानकारी नहीं है। मार्क जकरबर्ग की स्वामित्व वाली कंपनी ने कहा था कि लगभग 8.7 करोड़ लोगों का डेटा (ज्यादातर अमेरिका में) शायद कैम्ब्रिज ऐनालिटिका के साथ अनुचित रूप से साझा किया गया हो।