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Hindi News टेक न्यूज़ आधुनिक तकनीक का कमाल: चिकित्सकों ने अफ्रीकी लड़की की रीढ़ की सीधी

आधुनिक तकनीक का कमाल: चिकित्सकों ने अफ्रीकी लड़की की रीढ़ की सीधी

चेन्नई: अफ्रीका के जिबूती से इलाज के लिए आई एक 10 साल की लड़की रीढ़ की हड्डी की गंभीर विकृति से जूझ रही थी, जिसमें उसकी जान को खतरा था। यही नहीं, इसके कारण उसकी

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चेन्नई: अफ्रीका के जिबूती से इलाज के लिए आई एक 10 साल की लड़की रीढ़ की हड्डी की गंभीर विकृति से जूझ रही थी, जिसमें उसकी जान को खतरा था। यही नहीं, इसके कारण उसकी लंबाई 123 सेंटीमीटर थी, लेकिन एक महत्वपूर्ण सर्जरी के बाद न सिर्फ उसकी जान बची, बल्कि उसकी लंबाई भी बढ़कर 140 सेंटीमीटर हो गई। सर्जन क्षितिज चौधरी ने बताया कि इस सर्जरी में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया, जिससे रक्त का नुकसान कम हुआ और खून चढ़ाने की भी जरूरत नहीं पड़ी।

अफ्रीका से तीन हफ्ते पहले आई थी जिबूती

यह सर्जरी मुंबई सर एच. एन. रिलायंस फांउडेशन हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में किया गया, जिसमें मेडिकल पेशेवरों का अनुभवी दल शामिल था। इसमें बाल रोग विशेषज्ञ, एनेस्थेटिस्ट, सर्जन, हृदय रोग विशेषज्ञ, हड्डी रोग विशेषज्ञ व अन्य विशेषज्ञ शामिल थे। रिलायंस फांउडेशन के इस अस्पताल में अफ्रीका के जिबूती से यह बच्ची तीन हफ्ते पहले आई थी। इस ऑपरेशन से जुड़े एक सर्जन क्षितिज चौधरी ने आईएएनएस को फोन पर बताया, "उस बच्ची के परिवार को इस बीमारी के बारे में तीन साल पहले पता चला। इसके कारण वह सीधी खड़ी नहीं हो पाती थी। उसे सांस लेने में परेशानी समेत कई अन्य समस्याएं भी थी।"

दो सर्जनों ने मिलकर किया ऑपरेशन

चौधरी ने बताया कि लड़की की बीमारी की जटिलता को देखते हुए भारत के कई अस्पतालों ने हाथ खड़े कर दिए थे। चौधरी कहते हैं, "हमने उन्हें सर्जरी की सलाह दी। लेकिन यह सर्जरी इतनी आसान नहीं थी कि शरीर में चीरा लगाकर रीढ़ की हड्डी को सीधा कर दिया जाए। इसके अलावा उसे हृदय संबंधी परेशानियां भी थीं। उसके हृदय में छेद था। इस छेद का पता पहली बार यहीं चला।" उनके मुताबिक, इस सर्जरी को दो सर्जनों ने मिलकर किया। चौधरी और अर्जुन धवले। उन्होंने कहा कि अब वह लड़की सामान्य जीवन जी सकती है। उसकी हालत में तेजी से सुधार हो रहा है।

बच्ची की पर्सनेलिटी में आया बदलाव, अब है आत्मविश्वास से भरपूर

वहीं, हृदय में छेद के बारे में उन्होंने बताया कि हृदय विशेषज्ञों के मुताबिक इससे कोई परेशानी नहीं होगी, इसलिए इसके इलाज की जरूरत नहीं है। चौधरी ने बताया कि इस सर्जरी के बाद बच्ची के व्यक्तिव में भी परिवर्तन आया है और वह आत्मविश्वास से भरपूर नजर आ रही है।