बोस्टन: हम सभी को पता है कि Apple के प्रॉडक्ट्स बेहद महंगे होते हैं, लेकिन यदि कोई कंप्यूटर करोड़ों रुपयों में बिके तो किसी को भी हैरानी होगी। जी हां, Apple-1 का एक बेहद दुर्लभ कंप्यूटर अमेरिका के बोस्टन में हुई एक नीलामी में 3,75,000 डॉलर (लगभग 2.72 करोड़ रुपये) में बिका। यह कंप्यूटर पूरी तरह से काम करने की स्थिति में है और उन शुरूआती पर्सनल कंप्यूटरों में से एक है जिसके पुर्जों को जोड़ने की यूजरों को जरूरत नहीं पड़ती थी।
स्टीव जॉव्स और स्टीव वोजनियेक ने Apple-1 की कल्पना मूल रूप से एक सर्किट बोर्ड के तौर पर की थी जिसे एक किट के तौर पर बेचा जाना था और इलेक्ट्रॉनिक्स का शौक रखने वालों द्वारा उसे पूरा किया जाना था। उन्होंने इसके शुरुआती बाजार के तौर पर पालो अल्टो के होमब्र्यू कंप्यूटर क्लब को चुना था। अमेरिका के नीलामी घर ‘आरआर ऑक्शन’ के मुताबिक व्यापक खरीदारों की तलाश में जॉब्स ने कैलिफोर्निया के माउंटेन व्यू की ‘द बाइट शॉप’ के मालिक पॉल टेरेल से संपर्क किया था। यह विश्व में पर्सनल कंप्यूटर का पहले स्टोरों में से एक था।
उस खास कंप्यूटर की तस्वीर आरआर ऑक्शन से
कंप्यूटर की पहुंच इलेक्ट्रॉनिक्स का शौक रखने वालों के साथ ही अन्य लोगों तक पहुंचाने के लक्ष्य से टेरेल 50 Apple-1 कंप्यूटर खरीदने के लिए तैयार हो गए थे। उनकी शर्त थी कि ये कंप्यूटर पूरी तरह असेंबल होने चाहिए। इसी के साथ Apple-1 पहला ‘पर्सनल’ कंप्यूटर बन गया जिसे यूजर द्वारा जोड़े जाने की जरूरत नहीं थी। इसके बाद जॉब्स और वोजनियेक ने साथ मिलकर करीब 200 Apple-1 कंप्यूटर बनाए और उनमें से 175 बेचे।
नीलामी घर ने एक बयान में बताया कि यह Apple-1 मूल 200 कंप्यूटरों में से बचे 60-70 में से एक है। उस वक्त उनके कंप्यूटर 666.66 डॉलर (तकरीबन 48 हजारे रूपये) में बिके। Apple-1 विशेषज्ञ कोरी कोहेन ने 2018 में इस कंप्यूटर को उसकी मूल एवं क्रियाशील रूप में बहाल कर दिया।