बिक्री में बड़ी उछाल क्या है फीचर फोन का ज़माना लौटने का संकेत
नई दिल्ली: स्मार्टफोन की बिक्री में लगातार हो रही बढ़ोतरी के बीच पिछली तिमाही में एक दिलचस्प बात दर्ज की गई। भारत में मोबाइल हैंडसेट की बिक्री जुलाई-सितंबर की तीसरी तिमाही में इससे पिछली तिमाही
नई दिल्ली: स्मार्टफोन की बिक्री में लगातार हो रही बढ़ोतरी के बीच पिछली तिमाही में एक दिलचस्प बात दर्ज की गई। भारत में मोबाइल हैंडसेट की बिक्री जुलाई-सितंबर की तीसरी तिमाही में इससे पिछली तिमाही के मुकाबले 24.7 प्रतिशत बढ़कर 7.05 करोड़ इकाई रही, लेकिन इसमें सबसे खास बात यह रही कि इस दौरान फीचर फोन की मांग में इस दौरान अच्छी-खासी बढ़ोतरी देखने को मिली, जबकि स्मार्टफोन की बिक्री में हुई बढ़ोतरी फीचर फोन के मुकाबले काफी कम रही।
फीचर फोन की बिक्री में 35 फीसदी से ज्यादा बढ़ोतरी
सीएमआर ने एक बयान में कहा कि अप्रैल-जून की तिमाही के मुकाबले जुलाई-सितंबर तिमाही में स्मार्टफोन की बिक्री में 10.7 प्रतिशत का इजाफा हुआ और यह 2.70 करोड़ इकाई रही। वहीं दूसरी ओर फीचर फोन की बिक्री 35.3 प्रतिशत बढ़कर 4.35 करोड़ इकाई पर पहुंच गई।
स्मार्टफोन की बिक्री सिर्फ 11 प्रतिशत बढ़ी
सीएमआर के लीड विश्लेषक टेलीकाम प्रैक्टिस फैजल कावोसा ने कहा, आम धारणा यह है कि देश के हैंडसेट बाजार की वृद्धि में स्मार्टफोन्स की प्रमुख भूमिका है, लेकिन आज जो आंकड़े आए हैं वे इससे उलट रख ही दिखाते हैं। उन्होंने कहा कि फीचर फोन की बिक्री में 35 फीसदी का इजाफा हुआ। यह स्मार्टफोन की 11 प्रतिशत की वृद्धि से कहीं अधिक है।
बिक्री में बड़ी उछाल की वजह घरेलू हैंडसेट निर्माता कंपनियां
फीचर फोन की बिक्री में बढ़ोतरी में प्रमुख योगदान इंटेक्स का रहा जिसकी बिक्री इस दौरान 94 प्रतिशत बढ़ी। लावा की बिक्री में 69 प्रतिशत व जेन में 54 प्रतिशत का इजाफा हुआ। हालांकि, सालाना आधार पर तिमाही के दौरान स्मार्टफोन की बिक्री 15.5 प्रतिशत बढ़ी जबकि फीचर फोन की बिक्री में 10.5 प्रतिशत की गिरावट आई।
क्या फीचर फोन का ज़माना लौट रहा है
हालांकि यह तेज़ी सिर्फ एक तिमाही यानी कि जुलाई से सितंबर के दौरान देखी गई है, मगर फिर भी एक सवाल तो उठ खड़ा ही होता है कि क्या फीचर फोन का ज़माना लौट रहा है। क्या स्मार्टफोन के दयनीय बैटरी बैकअप औऱ व्हाट्सऐप और सोशल मीडिया साइट्स के अपडेट्स के कभी न रुकने वाले शोर ने सुकून की तलाश करने वालों को फिर से फीचर फोन की शरण में जाने को मजबूर कर दिया है। दरअसल फोन सुनना हो या करना हो और एसएमएस करने हों या रिसीव करने हों, तो ये काम फीचर फोन बखूबी कर लेते हैं। फिर उनके साथ फोन को बार-बार चार्ज करने का पॉवरबैंक साथ लेकर चलने जैसी दिक्कतें भी नहीं होतीं। इसके बावजूद फीचर फोन के युग की वापसी का दावा करना ग़लत होगा। हां यह ज़रूर है कि अब बहुत से लोग स्मार्टफोन के साथ-साथ एक फीचर फोन भी अपने पास रखने लगे हैं।