Vinesh Phogat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का खेल से लगाव और खिलाड़ियों के हितों की चिंता कोई राज की बात नहीं है। उनहोंने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के खत्म होने के बाद बर्मिंघम से लौटे तमाम भारतीय एथलीटों के लिए वक्त निकाला। पीएम मोदी ने जितना वक्त गोल्ड मेडल जीतने वालों के लिए निकाला उतना ही समय उन्होंने खाली हाथ लौटे खिलाड़ियों को भी दिया। वे मेडल जीतने वाले खिलाड़ों को शाबाशी देते दिखे तो खाली हाथ लौटने वालों को प्रोत्साहित किया, मोटिवेट किया। भारतीय प्रधानमंत्री के खेल और खिलाड़ियों के प्रति इसी प्यार ने न सिर्फ एक भारतीय खिलाड़ी के करियर को बचा लिया, बल्कि देश की झोली में एक गोल्ड मेडल का इजाफा भी हो गया।
पीएम मोदी के मोटिवेशन से विनेश ने जीता गोल्ड
हम बात कर रहे हैं भारत की वुमेन रेसलर विनेश फोगाट की जिन्होंने बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स से गोल्ड मेडल के साथ वापसी की। विनेश ने वापसी के बाद कहा कि टोक्यो में ओलंपिक में लगातार दूसरी बार पदक से चूकने के बाद उन्होंने लगभग कुश्ती छोड़ने का मन बना ही लिया था लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बातचीत ने उन्हें खेल में जारी रहने के लिये प्रेरित किया।
विनेश ने कहा, ‘‘जब मैं निराश थी तो मैं मोदी जी (नरेंद्र मोदी) से मिली थी और उन्होंने मुझे प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि हमें आप पर भरोसा है और आप कर सकती हो। इससे मेरे अंदर जज्बा फिर से जाग गया।’’
2016 रियो ओलंपिक में क्वार्टरफाइनल में घुटने की चोट से उनकी पदक की उम्मीद टूट गई थी लेकिन टोक्यो में वह क्वार्टरफाइनल स्टेज में बाहर हो गईं। टोक्यो गेम्स मे वह अपने वेट कैटेगरी में दुनिया की नंबर एक पहलवान के तौर पर उतरी थीं।
विनेश ने स्वीकार किया कि इन दो निराशाओं ने उन्हें कुश्ती छोड़ने की कगार पर पहुंचा दिया था लेकिन उन्होंने फिर वापसी करते हुए हाल में समाप्त हुए बर्मिंघम गेम्स में स्वर्ण पदक जीता। इस स्टार रेसलर ने पीटीआई से कहा, ‘‘मैं मानसिक रूप से बहुत बड़े बैरियर को पार करने में सफल हुई हूं। मैंने लगभग कुश्ती छोड़ ही दी थी क्योंकि दो ओलंपिक में मैं एक पदक नहीं जीत सकी थी। ओलंपिक किसी भी खिलाड़ी के लिए बड़ा मंच होता है। लेकिन मेरे परिवार ने हमेशा मेरा समर्थन किया, उन्हें हमेशा मेरी काबिलियत पर भरोसा रहा।’’