US Open 2022: महिला-पुरुष मुकाबलों में गेंद के अलग वजन पर खड़ा हुआ विवाद, जानें पूरा मामला
US Open 2022: महिला टेनिस संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एमी बाइंडर ने कहा है की खिलाड़ियों द्वारा उठाए गए इस मुद्दे पर संघ विचार करेगा।
Highlights
- 29 अगस्त से शुरू हुआ है यूएस ओपन
- बॉल के वजन को लेकर खड़ा हुआ विवाद
- इस बार 300 खिलाड़ी ले रहे है यूएस ओपन में भाग
US Open 2022: टेनिस की दुनिया के प्रमुख और साल के आखिरी ग्रैंडस्लैम टूर्नामेंट यूएस ओपन की शुरुआत 29 अगस्त से हो चुकी है। टूर्नामेंट के शुरू होते ही नए विवादों ने भी इसे घेर लिया है। विवाद भी ऐसा जिस पर दोनों पुरुष और महिला खिलाड़ी पहले भी सवाल उठा चुके हैं, लेकिन कभी भी इस पर ध्यान नहीं दिया गया, लेकिन इस बार टेनिस के शीर्ष खिलाड़ियों ने मुखर होकर इस मुद्दे को उठाया है। इस पर चर्चा तो यूएस ओपन से पहले हुए सिनसिनाटी ओपन से ही शुरू हो गई थी। विवाद का मुख्य केंद्र होने की वजह से यूएस ओपन के शुरू होते ही इस विवाद ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है।
टेनिस बॉल को लेकर है मसला
आपको बता दें कि सारे विवाद की जड़ है टेनिस में इस्तेमाल की जाने वाली बॉल। दरअसल यूएस ओपन में पुरुषों के टूर्नामेंट में भारी गेंद का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं इसकी तुलना में महिलाओं के मैच के लिए हल्की गेंद का इस्तेमाल होता है। यही वजन के अंतर की वजह से विवाद खड़ा हुआ है। दोनों गेंदों में बस वजन का अंतर है इसके आलावा दोनों गेंदों में कोई भी फर्क नहीं होता है।
महिला टेनिस नंबर एक खिलाड़ी इगा स्वियातेक ने इस पर ऐतराज जताते हुए कहा था कि, आज के समय में महिला खिलाड़ियों का खेल भी काफी तेजतर्रार और पावरफुल हो गया है। ऐसा 10 साल पहले नहीं था क्यूंकि उस समय सेरेना विलम्स सरीखे खिलाड़ियों का ही खेल पावरफुल होता था और बाकि खिलाड़ियों का गेम धीमा था। इगा का कहना है की अब समय बदल गया है और अब यह अलग अलग गेंदों से खेलने का तर्क उनकी समझ से परे है।
क्यों किया जाता है यह भेदभाव
अगर तकनीकी तौर पर बात करें तो पुरषों द्वारा भारी गेंद हार्ड कोर्ट पर नियंत्रण करने के लिए इस्तेमाल की जाती है। दूसरी ओर महिला खिलाड़ियों के मैच में हल्की गेंद का इस्तेमाल गेम को गति देने के लिए किया जाता है। वजन में हल्के होने के कारण गेंद को नियंत्रण में करने में दिक्कत आती है और इसकी वजह से गेम के दौरान कई अनचाही गलतियां होती है। इसी वजह से अब इस पर सवाल उठने लगे हैं। यह गेंदों का भेदभाव सिर्फ इसी टूर्नामेंट में किया जाता है। इसके आलावा अन्य सभी ग्रँडस्लैम और टूर्नामेंट में एक ही गेंद का इस्तेमाल किया जाता है। इस टूर्नामेंट में विल्सन कंपनी द्वारा निर्मित गेंदों का इस्तेमाल किया जाता है।
कब हुआ था बदलाव
गेंद के वजन में बदलाव 80 के दशक में शुरुआती दौर में किया गया था। यह बदलाव भी खिलाड़ियों की शिकायत की बाद ही किया गया था। बॉल के निर्माता कंपनी विल्सन के ग्लोबल प्रोडक्ट डायरेक्टर जैसन कॉलिंस बताते हैं की उस समय महिला खिलाड़ियों ने भारी गेंद की वजह से कंधे,कोहनी और हाथ में दिक्कत की बात की गई थी जिसके बाद इस बदलाव को अमल में लाया गया।
कई खिलाड़ियों ने उठाई है विरोध में आवाज
इगा स्वियातेक इस मामले में आवाज उठाने वाली एक मात्र खिलाड़ी नहीं हैं। उनके आलावा महिला नंबर चार खिलाड़ी पौला बदोस ने भी इस मुद्दे पर डब्ल्यूटीए के सीईओ और अध्यक्ष स्टीव साइमन से पिछले वर्ष बात की थी। इस साल ऑस्ट्रेलियन ओपन जीतने वाली एश्ले बार्टी के कोच ने भी इस पर अपनी चिंता जाहिर की थी।
क्या कहता है महिला टेनिस संघ
इस विवाद के बीच महिला टेनिस संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एमी बाइंडर ने कहा है की, खिलाड़ियों द्वारा उठाए गए इस मुद्दे पर संघ विचार करेगा। उन्होनें कहा कि कई खिलाड़ियों ने समय-समय पर दिक्कत जाहिर की है।