भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) ने साइकिलिंग कोच आरके शर्मा का अनुबंध खत्म कर दिया है। साइ ने यह कार्रवाई एक महिला साइकिलिस्ट के कोच पर लगाए ‘यौन उत्पीड़न’ के आरोप के बाद की। महिला साइकिलिस्ट ने स्लोवेनिया में ट्रेनिंग कैंप के दौरान कोच पर ‘अनुचित व्यवहार’ का आरोप लगाया था, जिसके बाद जांच समिति की शुरूआती रिपोर्ट के आधार पर कोच के कॉन्ट्रैक्ट को खत्म कर दिया गया। साइ ने यह फैसला स्लोवेनिया गयी पूरी भारतीय टीम को वापस बुलाने के कुछ घंटों बाद किया।
कोच पर ‘गलत हरकत’ के आरोप से टीम की समय से पहले घर वापसी
भारतीय साइकिलिंग टीम 15 मई को स्लोवेनिया गई थी और उसे 14 जून को वापस लौटना था, लेकिन साइ ने टीम को पहले ही घर बुला लिया। एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना के कारण पूरी टीम को बीच दौरे से वापस बुला लेना यकीनन दुखद है। साइ ने आरोप लगाने वाली साइकिलिस्ट को पहले ही वापस बुला लिया था। स्लोवेनिया का यह दौरा 18 से 22 जून तक राष्ट्रीय राजधानी में होने वाली एशियाई ट्रैक साइकिलिंग चैंपियनशिप के लिये भारतीय टीम की तैयारियों में मदद करने के लिये आयोजित किया गया था।
क्या है कोच के ‘गलत व्यवहार’ का पूरा मामला?
महिला साइकिलिस्ट ने स्लोवेनिया में मौजूदगी के दौरान साइ को कोच के अनुचित व्यवहार के बारे में फेडरेशन को बताया था। बकौल साइकिल्सट, उसे अपनी जान के खतरे का डर था। बाद में, साइ ने बयान जारी कर कहा कि उसने खिलाड़ी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये उसे वापस बुला लिया है। महिला साइकिलिस्ट ने दावा किया था कि कोच ने उसे इस बहाने होटल का कमरा साझा करने के लिए मजबूर किया कि रहने की व्यवस्था एक कमरे में दो लोगों को ठहराने के आधार पर की गई है। साइ ने इस खिलाड़ी के अनुरोध पर बाद में उसके लिये अलग कमरे की व्यवस्था की, लेकिन विरोध करने के कारण कोच उसे टीम के अन्य सदस्यों के साथ एक कार्यक्रम के लिए जर्मनी नहीं ले गया। शिकायत में कहा गया है कि कोच ने साइकिल चालक को धमकी दी कि अगर वह उसके साथ नहीं सोएगी तो वह उसे राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र (एनसीओई) से हटाकर उसका करियर बर्बाद कर देगा। वह टीम में शामिल अकेली महिला सदस्य थी। साइ के मुताबिक, उसके लिए अलग कमरे की व्यवस्था की गई थी।