SAFF Championship: भारत ने जीता रिकॉर्ड 9वां खिताब, रोमांचक फाइनल में कुवैत को दी मात
SAFF Championship: भारतीय फुटबॉल टीम ने एक रोमांचक फाइनल मुकाबले में कुवैत की टीम को मात दी। टीम इंडिया ने सैफ चैंपियनशिप का खिताब रिकॉर्ड 9वीं बार जीता है।
SAFF Championship 2023: सैफ चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम ने कुवैत को पेनल्टी शूटआउट में मात दी। इसी के साथ भारतीय टीम ने इस चैंपियनशिप में रिकॉर्ड 9वीं बार खिताबी जीत हासिल की। मैच अपने निर्धारित समय और एक्स्ट्रा टाइम के बाद तक 1-1 से बराबरी पर रहा। जिसके बाद पेनल्टी शूटआउट में टीम इंडिया ने 5-4 से जीत हासिल की।
बराबरी पर छूटा था मुकाबला
दोनों टीमें 120 मिनट के खेल तक 1-1 से बराबरी पर थीं। पेनल्टी शूटआउट के पांच दौर के बाद भी स्कोर 4-4 था जिसके बाद सडन डैथ पर फैसला हुआ। आखिरी शॉट पर महेश नोरेम ने स्कोर किया और भारत के गोलकीपर गुरप्रीत संधू ने डाइव लगाकर खालिद हाजिया का शॉट बचाकर टीम को जीत दिलाई। निर्धारित समय के भीतर शाबाइब अल खलीदी ने 14वें मिनट में गोल करके कुवैत को बढत दिलाई थी जबकि भारत के लिए बराबरी का गोल लालियांजुआला ने 39वें मिनट में दागा। गत चैम्पियन भारत और कुवैत ने आखिरी ग्रुप मैच भी 1-1 से ड्रॉ खेला था।
सेमीफाइनल में भी पेनल्टी में जीते
भारत ने दूसरी बार पेनल्टी शूटआउट में जीत दर्ज की है। इससे पहले 1 जुलाई को सेमीफाइनल में लेबनान को भी पेनल्टी शूटआउट में 4-2 से हराया था। उस मैच में भी संधू ने शूटआउट में जबर्दस्त प्रदर्शन किया था। भारत के लिए कप्तान सुनील छेत्री, संदेश झिंगन, शुभाशीष बोस, छांगटे और महेश ने गोल दागे जबकि उदांता सिंह चूक गए। शूटआउट से पहले कुवैत का दबदबा था जिसने पहले हाफ में कई मौके बनाए। इसका फायदा 14वें मिनट में मिला जब मुबारक अल फानीनी ने बायें विंग से अब्दुल्ला अल ब्लूशी को पास दिया। अल ब्लूशी ने गेंद अल खालिदी को सौंपी जिसने गोल करके कुवैत को बढत दिलाई।
39वें ओवर में छांगटे ने किया गोल
भारत अगले ही मिनट बराबरी कर लेता लेकिन कुवैत के गोलकीपर अब्दुल रहमान ने छांगटे का शॉट बचा लिया। इस साल एफआईएफएफ के सर्वश्रेष्ठ पुरूष खिलाड़ी चुने गए छांगटे ने हालांकि 39वें मिनट में बराबरी का गोल कर दिया। सहल अब्दुल समाद और कप्तान छेत्री के बीच पास के आदान प्रदान के बाद गेंद छांगटे तक पहुंची जिसने विरोधी गोलकीपर को छकाकर गोल दागा। दूसरे हाफ में दोनों टीमों ने भरसक कोशिश की लेकिन गोल नहीं हो सका। अतिरिक्त समय में कुछ खिलाड़ी चोटिल हुए, कुछ खिलाड़ियों और अधिकारियों को को पीले कार्ड भी मिले लेकिन निर्णायक गोल नहीं हो सका। इसके बाद पेनल्टी शूटआउट से फैसला हुआ।