रोहन बोपन्ना और मात्वे मिडेलकूप की जोड़ी फ्रेंच ओपन से हुए बाहर
अमेरिकी ओपन 2013 के फाइनल में लिएंडर पेस की खिताब जीत के बाद से कोई भारतीय ग्रैंडस्लैम पुरुष युगल फाइनल का हिस्सा नहीं रहा है और बोपन्ना यह उपलब्धि हासिल करने वाला नौ साल में पहला खिलाड़ी बनने के लिए चुनौती पेश कर रहे थे।
भारत के रोहन बोपन्ना और नीदरलैंड के उनके जोड़ीदार मात्वे मिडेलकूप गुरुवार को सेमीफाइनल में मार्सेलो अरेवालो और जीन जूलियन रोजर के खिलाफ दो मैच प्वाइंट बचाने के बावजूद शिकस्त के साथ फ्रेंच ओपन टेनिस टूर्नामेंट के पुरुष युगल से बाहर हो गए। पूरे टूर्नामेंट के दौरान शानदार प्रदर्शन करने वाली बोपन्ना और मिडेलकूप की 16वीं वरीय जोड़ी को अल सलवाडोर और नीदरलैंड की 12वीं वरीय जोड़ी के खिलाफ दो घंटे और सात मिनट चले मुकाबले में 6-4 3-6 6-7 (8-10) से शिकस्त झेलनी पड़ी।
अमेरिकी ओपन 2013 के फाइनल में लिएंडर पेस की खिताब जीत के बाद से कोई भारतीय ग्रैंडस्लैम पुरुष युगल फाइनल का हिस्सा नहीं रहा है और बोपन्ना यह उपलब्धि हासिल करने वाला नौ साल में पहला खिलाड़ी बनने के लिए चुनौती पेश कर रहे थे।
बोपन्ना ने पहली और आखिरी बार 2010 में पाकिस्तान के ऐसाम उल हम कुरैशी के साथ ग्रैंडस्लैम पुरुष युगल फाइनल में जगह बनाई थी और तब इस जोड़ी को बॉब और माइक ब्रायन की महान जोड़ी के खिलाफ शिकस्त झेलनी पड़ी थी। मैच के नतीजे में रोजर की सटीक पहली सर्विस ने अहम भूमिका निभाई। पहला सेट जीतने के लिए जब मिडेलकूप सर्विस कर रहे थे तो विरोधी जोड़ी को दो ब्रेक प्वाइंट मिले लेकिन भारत और नीदरलैंड की जोड़ी ने दोनों प्वाइंट बचा लिए।
मिडेलकूप ने इसके बाद ऐस लगाया और बोपन्ना ने बैकहैंड वॉली विनर के साथ गेम और सेट जीत लिया। दूसरे सेट में बोपन्ना के खिलाफ विरोधी जोड़ी को ब्रेक प्वाइंट मिला लेकिन उन्होंने इसे बचा दिया। छठे गेम में एक बार फिर बोपन्ना सर्विस गंवाने के कगार पर थे लेकिन भारतीय खिलाड़ी ने अंक बचा लिया। बोपन्न ने क्रॉस कोर्ट फोरहैंड विनर के साथ गेम जीत लिया।
भारत और नीदरलैंड की जोड़ी को भी ब्रेक प्वाइंट मिला लेकिन विरोधी जोड़ी ने इसे बचा लिया। बारहवीं वरीय जोड़ी ने आठवें गेम में मिडेलकूप की सर्विस तोड़ने का मौका नहीं गंवाया और 5-3 की बढ़त बना ली। अरेवालो ने इसके बाद अपनी सर्विस बचाकर स्कोर 1-1 कर दिया। तीसरे और निर्णायक सेट में किसी भी जोड़ी की सर्विस नहीं टूटी जिसके बाद विजेता का फैसला करने के लिए सुपर टाईब्रेक का सहारा लिया गया।
बोपन्ना और मिडेलकूप की जोड़ी सुपर टाईब्रेकर में 2-5 से पिछड़ गई। भारत और नीदरलैंड की जोड़ी ने 2-7 के स्कोर पर लगातार चार अंक के साथ मुकाबले को करीबी बनाया और फिर दो मैच प्वाइंट भी बचाए लेकिन तीसरे मैच प्वाइंट पर अरवालो ने मुकाबला अपनी जोड़ी के पक्ष में कर दिया। बोपन्ना की हार के साथ क्ले कोर्ट की इस ग्रैंडस्लैम प्रतियोगिता में भारतीय चुनौती समाप्त हो