राशिद खान ने खुद को लेग स्पिनर मानने से किया इनकार, संन्यास को लेकर क्या बोले अफगान स्पिनर
अफगानिस्तान के स्टार स्पिनर राशिद खान ने खुद को लेग स्पिनर नहीं बल्कि स्पिन फास्ट बॉलर कहा है। उन्होंने संन्यास को लेकर भी बयान दिया।
अफगानिस्तान के स्टार गेंदबाज राशिद खान स्पिनर के रूप में तेज गेंदबाज की मानसिकता के साथ उतरते हैं। राशिद की गुगली तथा लेग ब्रेक की स्पीड 100 किमी प्रति घंटे की होती है। अफगान स्पिनर टी20 क्रिकेट के सबसे लोकप्रिय खिलाड़ियों में शामिल हैं जिनकी वैश्विक लीग में काफी मांग है। वह 312 मैच में 436 विकेट चटका चुके हैं। राशिद ने इंटरव्यू में खुद को लेग स्पिनर मानने से इनकार किया है।
राशिद खान ने गुजरात टाइटंस की ओर से इंडियन प्रीमियर लीग के अपने पहले मैच में 27 रन देकर एक विकेट चटकाया था। उन्हें उम्मीद है कि वह सनराइजर्स हैदराबाद की फॉर्म को हार्दिक पंड्या की अगुआई वाली फ्रेंचाइजी की ओर से दोहराने में सफल रहेंगे। राशिद से जब यह पूछा गया कि वह दिल से एक आक्रामक तेज गेंदबाज हैं या कुछ नया इजाद करने का प्रयास करने वाले वैज्ञानिक?
उन्होंने पीटीआई को दिए स्पेशल इंटरव्यू में कहा कि, ‘‘मैं जिस गति से गेंदबाजी करता हूं उसके कारण मैं ‘स्पिन फास्ट’ गेंदबाज हूं। इतनी गति पर गेंद को स्पिनर कराना बेहद मुश्किल होता है और मुझे लगता है कि इसके लिए अलग तरह के कौशल की जरूरत होती है। मैं 96 से 100 किमी प्रति घंटा की रफ्तार के साथ गेंदबाजी करता हूं। इतनी गति के साथ गेंद को टर्न कराना मुश्किल होता है लेकिन मैं गति को कम करके 70 से 75 किमी प्रति घंटा करने की जगह उतनी की गति के साथ गेंदबाजी करूंगा।’’
राशिद ने आगे कहा, ‘‘मैं हमेशा तेज लेग स्पिन गेंदबाजी करने का प्रशंसक रहा हूं। मैं नेट्स पर सिर्फ अपनी गेंदबाजी के साथ विभिन्न प्रयोग करने का प्रयास करता हूं और इससे काफी मदद मिलती है। मैं हमेशा खुद को लेग स्पिनर नहीं समझता क्योंकि स्पिनर कलाई का काफी इस्तेमाल करते हैं और मैं कलाई का इतना इस्तेमाल नहीं करता। मैं अपनी अंगुलियों का इस्तेमाल करता हूं और इसलिए मैं अंगुलियों का स्पिनर हूं।’’
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राशिद ने यह भी कहा कि, लगातार सही लेंग के साथ गेंदबाजी करने से गेंदबाज ‘रहस्यमयी’ बनता है क्योंकि इससे बल्लेबाज के दिमाग में भ्रम पैदा होता है। इस लेग स्पिनर के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण उनकी मानसिकता है क्योंकि वह किसी भी स्थिति में टीम के लिए योगदान देने के लिए तैयार रहते हैं। गुजरात में शामिल दो अन्य अफगान खिलाड़ी रहमनुल्लाह गुरबाज और नूर अहमद को भी राशिद ने खास सलाह दी है।
संन्यास को लेकर क्या बोले राशिद खान?
जब राशिद से पूछा गया कि अगर 15 साल बाद वह टी20 के महानतम गेंदबाज के रूप में संन्यास लेते हैं तो क्या उन्हें खुशी होगी। इसको लेकर उन्होंने कहा, ‘‘15 साल लंबा समय है। आपको नहीं पता कि जब और किसी स्थिति में आपका करियर खत्म होगा। जीवन में क्या होगा यह बताया नहीं जा सकता, आपको नहीं पता कि अगले ही लम्हे में क्या होने वाला है।’’
साल 2018 में टेस्ट क्रिकेट में अफगानिस्तान के लिए डेब्यू करने के बाद से राशिद को सिर्फ पांच टेस्ट खेलने को मिले हैं जिसमें उन्होंने 34 विकेट चटकाए हैं। अफगानिस्तान से काफी टेस्ट खेलने का मौका नहीं मिल रहा। हालांकि राशिद ने उम्मीद जताई कि अफगानिस्तान को अधिक टेस्ट खेलने का मौका मिलेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्य की बात है कि हमें लंबे प्रारूप के मैच खेलने का मौका नहीं मिल रहा। इस प्रारूप में खेलना मुझे पसंद है। उम्मीद करता हूं कि अगले पांच साल में चीजें बदलेंगी, जिससे कि मैं अफगानिस्तान के लिए साल में कम से कम पांच से 10 टेस्ट मैच प्रति वर्ष खेल पाऊं।’’
(With Bhasha Inputs)