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पीवी सिंधु के पास ऐतिहासिक कीर्तिमान बनाने का सुनहरा मौका, कोई भारतीय ओलंपिक में नहीं कर पाया ऐसा

भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने ओलंपिक में सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किए हैं। अब पेरिस ओलंपिक 2024 में उनके पास बड़ा कीर्तिमान बनाने का चांस है।

pv sindhu- India TV Hindi Image Source : GETTY pv sindhu

PV Sindhu: भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ओलंपिक के इतिहास में दो मेडल जीतने वाले पहली भारतीय महिला प्लेयर हैं। उन्होंने रियो ओलंपिक 2016 में सिल्वर मेडल जीता था। इसके अलावा फिर टोक्यो ओलंपिक में भी उन्होंने दमदार प्रदर्शन जारी रखा और ब्रॉन्ज मेडल जीत लिया था। अब पेरिस ओलंपिक में भी उनसे पदक की उम्मीदें हैं। अगर वह पेरिस ओलंपिक में मेडल जीत जाती हैं, तो वह ओलंपिक में 3 मेडल जीतने वाली पहली भारतीय प्लेयर बनेंगी। अभी तक कोई भी भारतीय खिलाड़ी तीन ओलंपिक मेडल नहीं जीत पाया है। 

ओलंपिक में सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल कर चुकी हैं नाम

रियो ओलंपिक में पीवी सिंधु ने सभी की उम्मीदों के उलट दमदार प्रदर्शन किया था। उन्होंने अपने पहले मैच में लौरा सरोसी को 21-8, 21-9 से हराकर जल्द ही जीत हासिल की। इसके बाद उनका विजय अभियान नहीं रुका और उन्होंने सीधे फाइनल में जाकर ही दम ली। सिंधु का सेमीफाइनल में सामना नोजोमी ओकुहारा से हुआ। सेमीफाइनल में उन्होंने बेहतरीन खेल दिखाया और उनके आगे नोजोमी ओकुहारा टिक नहीं पाईं। उन्होंने 21-19, 21-10 से सीधे सेटों में जीत हासिल कर ली और फाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया। फाइनल में सिंधु को कैरोलिना मारिन से करारी हार झेलनी पड़ी। वह मारिन से 19-21, 21-12, 21-15 से हार गईं। इसी वजह से उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा। वहीं टोक्यो ओलंपिक में उन्होंने चीन की हे बिंग जिओ को 21-13, 21-15 से हराया और कांस्य पदक अपने नाम कर लिया।

मेडल जीतना है टारगेट

पीवी सिंधु ने कहा कि निश्चित रूप से पदक जीतना मेरा लक्ष्य है। यह पहला हो या दूसरा या फिर तीसरा यह मायने नहीं रखता। मैंने दो पदक जीते हैं और मैं तीसरे पदक के बारे में सोच कर खुद पर दबाव नहीं बनना चाहती हूं। जब भी मैं ओलंपिक में भाग लेती हूं तो वह मेरे लिए नया ओलंपिक होता है। इसलिए मैं जब भी ओलंपिक में खेलने के लिए उतरती हूं तो मेरा लक्ष्य पदक जीतना होता है। उम्मीद है कि मैं जल्द ही हैट्रिक पूरी करूंगी। 

पीवी सिंधु ने कहा कि स्ट्रोक में बहुत अधिक आत्मविश्वास होना। महिला एकल में अब बहुत लंबी रैलियां और लंबी अवधि के मैच होते हैं और मैंने खुद को उनके लिए तैयार किया है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक प्रतिद्वंदी के खिलाफ आपको अलग शैली अपनानी पड़ती है और सही समय पर सही स्ट्रोक लगाना आवश्यक होता है। प्रकाश सर ने इस बात पर जोर दिया और हमने इस पर काम किया। बहुत सुधार हुआ है। यह आपको कोर्ट पर नजर आएगा।

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