भारतीय हॉकी टीम ने पेरिस ओलंपिक 2024 में ब्रॉन्ज मेडल मैच में स्पेन की टीम को 2-1 के अंतर से मात देने के साथ पदक जीतने में सफलता हासिल की। ओलंपिक के इतिहास में भारतीय पुरुष हॉकी टीम का ये 13वां मेडल है। इस जीत के बाद अनुभवी गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने अपने इंटरनेशनल करियर को अलविदा कह दिया। उन्होंने पेरिस ओलंपिक के शुरू होने से पहले ही ये ऐलान कर दिया था कि ये उनके करियर का आखिरी टूर्नामेंट है। वहीं अब उनको हॉकी इंडिया की तरफ से एक बड़ी जिम्मेदारी भी मिली है, जिसमें श्रीजेश इंडियन हॉकी टीम के साथ जुड़े रहेंगे।
पीआर श्रीजेश को जूनियर हॉकी टीम का बनाया गया हेड कोच
पीआर श्रीजेश के अनुभव और उनके योगदान को देखते हुए हॉकी इंडिया ने उन्हें जूनियर मेंस हॉकी टीम का नया हेड कोच नियुक्त किया है। हॉकी इंडिया की तरफ से इस बात की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर दी गई जिसमें उन्होंने पीआर श्रीजेश की फोटो के साथ पोस्ट करते हुए लिखा कि जूनियर पुरुष हॉकी टीम के नए मुख्य कोच के तौर पर पीआर श्रीजेश इस जिम्मेदारी को संभालेंगे। आप सभी युवाओं को आगे भी इसी तरह से प्रेरित करते रहेंगे। हमें आपके कोचिंग कार्यकाल का बेसब्री से इंतजार है।
श्रीजेश ने साल 2006 में सीनियर टीम की तरफ से खेला था पहली बार
साल 2006 में पीआर श्रीजेश को भारतीय सीनियर हॉकी टीम की तरफ से खेलने का मौका मिला था। अपने 18 साल लंबे करियर के दौरान पीआर श्रीजेश को 4 बार ओलंपिक में हिस्सा लेने का मौका जिसमें 2 बार वह पदक जीतने में भी कामयाब हुए। इसके अलावा उन्होंने भारतीय हॉकी टीम के लिए कप्तानी की भी जिम्मेदारी को संभाला है। पीआर श्रीजेश को हॉकी में उनके योगदान के लिए भारत सरकार की तरफ से साल 2021 में मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
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