PM Modi at Chess Olympiad: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चेन्नई के जवाहरलाल नेहरू इंडोर स्टेडियम में रंगारंग कार्यक्रम के बीच 44वें चेस ओलंपियाड का उद्घाटन किया। इस मौके पर पांच बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद ने चेस ओलंपियाड की मशाल को पीएम मोदी और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के हाथों में थमाया। इसके बाद मशाल को यंग ग्रैंडमास्टर आर प्रग्नानंद के साथ मौजूद अन्य शतरंज खिलाड़ियों के हाथों में दे दिया गया।
पहली बार भारत में हो रहे चेस ओलंपियाड के लिए पीएम मोदी चेन्नई एयरपोर्ट से सड़क के रास्ते स्टेडियम तक पहुंचे, जिस दौरान रास्ते में संगीतकारों ने अपने प्रदर्शन से उनका जबरदस्त स्वागत किया, उनपर हर ओर से फूल भी बरसाए गए। इस समारोह में पीएम मोदी चेस बोर्ड की डिजाइन वाली बॉर्डर वाले पटके में नजर आए। उद्धानट समारोह में सुपरस्टार रजनीकांत समेत कई बड़ी हस्तियां भी मौजूद थीं।
चेस ओलंपियाड का उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “खेलों में कोई हारता नहीं है क्योंकि इसमें एक विजेता होता है और दूसरा भविष्य का विजेता होता हैं।” उन्होंने आगे कहा, “खेल खूबसूरत है क्योंकि इसमें लोगों को, समाज को जोड़ने की ताकत है। यह टीमवर्क को बढावा देता है। दो साल पहले कोरोना महामारी के आने से दुनिया थम गई लेकिन ऐसे समय में खेल ने दुनिया को जोड़ने का काम किया। खेल ने महत्वपूर्ण संदेश दिया कि हम एकसाथ ज्यादा मजबूत हैं। मुझे यही भावना यहां भी दिख रही है।’’
आज यानी 28 जुलाई को ही बर्मिंघम में कॉमनवेल्थ गेम्स के 22वें एडिशन की शुरुआत हो रही है। चेस ओलंपियाड के उद्घाटन समारोह में पीएम मोदी इस खास संयोग का जिक्र करना नहीं भूले। उन्होंने कहा, “इंटरनेशनल स्पोर्ट्स के लिए आज अच्छा दिन है। यहां 44वां चेस ओलंपियाड शुरू हो रहा है और ब्रिटेन में हजारों खिलाड़ी कॉमनवेल्थ गेम्स में भाग ले रहे हैं। मैं यहां इकट्ठा हुए सभी खिलाड़ियों को शुभकामना देता हूं। उम्मीद करता हूं कि भारत की अच्छी यादें लेकर आप जाएंगे। भारत आपका हमेशा खुलेदिन से स्वागत करेगा।”
चेस ओलंपियाड का आयोजन चेन्नई से 50 किलोमीटर दूर स्थित मामल्लापुरम में हो रहा है। इस टूर्नामेंट में ओपन कैटेगरी में 188 और वुमेंस कैटेगरी में 162 खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। टूर्नामेंट में भारत की तीन तीन टीमें ओपन और वुमेंस कैटेगरी में उतरेगी।
चेस ओलंपियाड की टॉर्च रिले ने 40 दिन में 75 शहरों का सफर तय किया और ओपनिंग सेरेमनी के दिन चेन्नई पहुंची। खास बात ये है कि यह टूर्नामेंट पहली बार भारत में आयोजित हो रहा है, जो इस खेल का जन्मस्थान भी है। भारत आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है लिहाजा ओलंपियाड की टॉर्च ने 75 शहरों से गुजरते हुए 27 हजार किलोमीटर का फासला तय किया।