Pele Death: नहीं रहे महान फुटबॉलर पेले, 82 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस
ब्राजील को दो दशक तक फुटबॉल की दुनिया में शिखर पर पहुंचाने वाले पेले का 82 वर्ष की उम्र में निधन हो गया।
ब्राजील के महान फुटबॉलर और रिकॉर्ड तीन विश्वकप जीतने वाले पेले का गुरुवार देर रात को निधन हो गया। वह 82 वर्ष के थे। सदी के सबसे महान फुटबॉलरों में शुमार पेले का 2021 से कैंसर का इलाज चल रहा था। वह कई बीमारियों के कारण पिछले महीने से अस्पताल में भर्ती थे। उनके एजेंट जोए फ्रैगा ने उनके निधन की पुष्टि की है। फुटबॉल के महानतम खिलाड़ियों में शुमार पेले ने करीब दो दशक तक अपने प्रशंसकों का खेल के जरिए मनोरंजन किया। वह ब्राजील को फुटबॉल के शिखर तक लेकर गए और अपने सफर में इस खेल के ग्लोबल एम्बेसडर भी बने।
पेले के रहते हुए ब्राजील ने 1958, 1962 और 1970 में विश्वकप जीता था। उन्होंने ब्राजील की तरफ से 77 गोल किए। उनके इस राष्ट्रीय रिकॉर्ड की हाल में विश्वकप के दौरान नेमार ने बराबरी की थी। पेले की रोसमेरी डोस रिस चोल्बी और असिरिया सेक्सास लेमोस से शादियों से पांच बच्चे और बिना शादी के दो बेटियां हैं। बाद में उन्होंने कारोबारी मार्शिया सिबेले ओकी से शादी कर ली थी।
आसान नहीं था पेले का शुरुआती जीवन
कई पीढियों पर अमिट छाप छोड़ने वाले खिलाड़ी बिरले ही होते हैं और फुटबॉल के जादूगर पेले के निधन से मानों फुटबॉल की दुनिया में एक युग का अंत हो गया। फुटबॉल के महानतम खिलाड़ियों में शुमार पेले पहले सांतोस क्लब के लिए और फिर ब्राजील की नेशनल टीम के लिए अपने खेल से विश्व फुटबॉल पर अपनी अमिट छाप छोड़ गए। उनकी पैरों की जादूगरी के विरोधी भी मुरीद हो जाते थे। कहा जाता है कि, उनके खेल में ब्राजील की सांबा शैली झलकती थी। ब्राजील को फुटबॉल की महाशक्ति बनाने वाले पेले के कैरियर की शुरूआत साओ पाउलो की सड़कों पर हुई जहां वह अखबारों के गट्ठर या रद्दी के ढेर का गोला बनाकर फुटबॉल खेला करते थे। 23 अक्टूबर 1940 में जन्मे पेले ने फुटबॉल किट खरीदने के लिए जूते भी पॉलिश किये।
17 वर्ष की उम्र में खेला पहला विश्व कप
‘द किंग’ कहे जाने वाले पेले ने सबसे पहले 1958 में स्वीडन में 17 वर्ष की उम्र में विश्व कप में अपना लोहा मनवाया। वह उस टूर्नामेंट के सबसे युवा खिलाड़ी थे । फाइनल में मेजबान के खिलाफ 5-2 से मिली जीत में दो गोल करने वाले पेले को उनके साथी खिलाड़ियों ने कंधे पर उठा लिया था। फिर चार साल बाद चोट के कारण वह दो ही मैच खेल सके लेकिन ब्राजील ने खिताब बरकरार रखा। मेक्सिको में 1970 में हुए विश्व कप में इटली पर मिली जीत में पेले ने फाइनल में एक गोल किया और कार्लोस अलबर्टो के गोल के असिस्ट भी रहे। पेले की ख्याति ऐसी थी कि 1967 में नाइजीरिया में गृहयुद्ध के दौरान कुछ समय युद्धविराम कर दिया गया ताकि वह लागोस में नुमाइशी मैच खेल सकें।
पेले ने लीग मैचों में करीब 650 और सीनियर मैचों में 1281 गोल किए। वह 11 वर्ष की उम्र में सांतोस की युवा टीम का हिस्सा बने और जल्दी ही सीनियर टीम के लिए चुन लिए गए । उन्होंने ब्राजील के लिए 114 मैचों में 95 गोल किए । जब यूरोपीय क्लबों में उन्हें खरीदने के लिए होड़ मची थी तो ब्राजील सरकार को इसे रोकने के लिए दखल देना पड़ा और उन्हें राष्ट्रीय संपदा घोषित किया। ब्राजील की पीली दस नंबर की जर्सी में पेले की छवि फुटबॉल के चाहने वालों की यादों में हमेशा चस्पा रहेगी।