एफिल टॉवर के इस खास धातु से बना है पेरिस ओलंपिक का मेडल, जानें इसके पीछे की सच्चाई
पेरिस ओलंपिक में इस बार लगभग 2,600 मेडल दिए जाएंगे। इन मेडलों को एफिल टॉवर के एक खास धातु से बनाया गया है। ओलंपिक में भारत इस बार 117 एथलीट भेज रहा है।
ओलंपिक 2024 का आयोजन इस बार फ्रांस की राजधानी पेरिस में किया जा रहा है। ओलंपिक में भाग लेने वाले सभी एथलीटों की निगाहें मेडल जीतने पर होंगी। ओलंपिक खेलों में भारत ने अब तक कुल 10 गोल्ड मेडल, 9 सिल्वर और 16 ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं। भारतीय एथलीट ओलंपिक खेलों के लिए इस बार पूरी तरह से तैयार नजर आ रहे हैं। भारत ने पिछले ओलंपिक में 7 मेडल जीते थे, जोकि ओलंपिक इतिहास में भारत का खुद का सबसे बेस्ट प्रदर्शन रहा था। ओलंपिक मेडलों का अपना खास महत्व होता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस बार पेरिस में खेले जाने वाले ओलंपिक खेलों में दिए जाने वाले मेडल किस खास धातु से बनाए गए हैं।
किस धातु के बने हैं ये मेडल
पेरिस ओलंपिक और पैरालंपिक दोनों पदक हेक्सागॉन आकार में काटे गए हैं और उनमें एफिल टॉवर के मूल लोहे का एक टुकड़ा जड़ा गया है। ये टुकड़े उस संग्रह का हिस्सा हैं जिन्हें दशकों से एफिल टॉवर के नवीनीकरण और मेंटेनेंस के दौरान हटाया गया था। प्रत्येक टुकड़े को उसके मूल रंग में बहाल किया गया है और पदक के बीच में लगाया गया है। एलवीएमएच ज्वेलरी हाउस, चौमेट ने इस मेडल का डिजाइन बनाया है। मेडल को हेक्सागॉन आकार का इसलिए बनाया गया है क्योंकि इसके 6 बिंदु फ्रांस के मानचित्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। आपको बता दें कि ओलंपिक का गोल्ड मेडल शुद्ध सोने से नहीं बने होते हैं। वे वास्तव में 92.5 प्रतिशत चांदी और 1.34 प्रतिशत सोने से बने होते हैं। IOA के गाइडलाइन के अनुसार , प्रत्येक गोल्ड मेडल में 6 ग्राम सोना होना चाहिए । पेरिस में प्रत्येक स्वर्ण पदक का वजन 529 ग्राम होगा।
खास होगा मेडलों का रिबन
ओलंपिक के आधार पर पदक रिबन अलग-अलग होते हैं। ओलंपिक 2024 के पदक रिबन गहरे नीले रंग के होंगे और एफिल टॉवर की तरह जालीदार काम से सजे होंगे। वहीं पैरालंपिक पदक गहरे लाल रंग के होंगे। ये पदक 85 मिलीमीटर चौड़े और 9.2 मिलीमीटर मोटे हैं। पेरिस टकसाल 5,084 पदक बना रहा है। इनमें से लगभग 2,600 ओलंपिक और 2,400 पैरालंपिक के लिए हैं। ऐसे में अंदाजा लगाया गया है कि कुल 10,500 एथलीट इसमें हिस्सा लेंगे।
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