टोक्यो ओलंपिक के गोल्ड मेडलिस्ट जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा को प्रतिष्ठित लॉरियस विश्व खेल पुरस्कार में ‘ब्रेकथ्रू पुरस्कार’ के लिये नामांकित किया गया है। टेनिस सनसनी एम्मा राडूकानू, फुटबॉलर पेड्री और सिमोन बिलेस समेत छह खिलाड़ी दौड़ में है। ये पुरस्कार अप्रैल में एक वर्चुअल समारोह में दिये जायेंगे। इस साल पुरस्कारों के सात वर्गों के लिये नामांकन दुनिया भर के 1300 से अधिक प्रमुख खेल पत्रकारों और प्रसारकों ने चुने हैं। विजेता का चयन लॉरियस विश्व खेल अकादमी मतदान के द्वारा करेगी जिसमें 71 महान खिलाड़ी शामिल हैं।
चोपड़ा ने कहा,‘‘ मैं इस पुरस्कार के लिये नामांकन पाकर बहुत खुश हूं यह मेरे लिये बहुत सम्मान की बात है। भारत के एक छोटे से गांव से निकलकर फिटनेस के लिये खेलों से जुड़ने के बाद ओलंपिक पदक तक का सफर बहुत अच्छा रहा ।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ अपने देश का प्रतिनिधित्व करके और पदक जीतकर अच्छा लग रहा है। इतने शानदार खिलाड़ियों के साथ लॉरियस पुरस्कार के लिये मुझे नामित किया जाना बहुत गर्व की बात है ।’’ चोपड़ा के साथ ‘ब्रेकथ्रू पुरस्कार ’के लिये ब्रिटेन की टेनिस स्टार एम्मा राडूकानू शामिल है जिन्होंने 18 वर्ष की उम्र में अमेरिकी ओपन खिताब जीता। वहीं अमेरिकी ओपन जीतने वाले रूस के दानिल मेदवेदेव, एफसी बार्सीलोना के फुटबॉलर पेड्री, त्रिकूद में विश्व रिकॉर्ड बनाने वाले यूलिमार रोजास और तोक्यो ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता तैराक एरियार्ने टिटमस को भी नामांकन मिला है। वर्ष के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के पुरस्कार के लिये बायर्न म्युनिख के राबर्ट लेवांडोवस्की , फार्मूला वन विश्व चैम्पियन मैक्स वेरस्टाप्पेन, दुनिया के नंबर एक टेनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविच दौड़ में हैं।
महिला वर्ग में जमैका की फर्राटा धाविका एलेन थाम्पसन हेरा, आस्ट्रेलियाई तैराक एम्मा मैकियोन और अमेरिकी तैराक कैटी लेडेकी दौड़ में हैं।
ओलंपिक की व्यक्तिगत स्पर्धा का स्वर्ण जीतने वाले चोपड़ा निशानेबाज अभिनव बिंद्रा के बाद दूसरे भारतीय हैं। बिंद्रा ने 2008 बीजिंग ओलंपिक में पीला तमगा जीता था। टोक्यो में ओलंपिक खेलों में पदार्पण करने वाले 23 वर्ष के चोपड़ा ने 87.58 मीटर के थ्रो के साथ पहला स्थान हासिल किया। बता दें कि लॉरियस पुरस्कार के लिये नामांकन पाने वाले वह विनेश फोगाट (2019) और सचिन तेंदुलकर (2020 खेल का सर्वश्रेष्ठ पल पुरस्कार) के बाद तीसरे भारतीय हैं। तेंदुलकर को 2011 विश्व कप जीतने के बाद भारतीय खिलाड़ियों द्वारा कंधे पर बिठाकर मैदान का चक्कर लगाये जाने के लिये यह पुरस्कार मिला था।