भारत को रेसलिंग में इस बार ओलंपिक मेडल की पूरी उम्मीद है, लेकिन इसी बीच रेसलिंग से भारत के लिए एक दिल तोड़ देने वाली खबर सामने आई है। भारतीय पहलवान निशा दहिया सोमवार को पेरिस ओलंपिक में महिलाओं की 68 किलोग्राम फ्रीस्टाइल श्रेणी में नॉर्थ कोरिया की पाक सोल गम के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में 8-10 से हार का सामना करना पड़ा, हालांकि एक समय वह काफी आगे चल रही थीं। निशा 90 सेकंड से भी कम समय में 8-1 से आगे चल रही थीं, तभी उनके दाहिने हाथ में गंभीर चोट लग गई, जिससे वह तेज दर्द से कराहने लगीं।
इंजरी के कारण मिली हार
निशा दहिया को इंजरी के कारण यह मैच गंवाना पड़ा और उनके दाहिने हाथ में ताकत नहीं रही, जिससे उनकी प्रतिद्वंद्वी ने लगातार नौ अंक बनाए और जीत हासिल की। मेडिकल ब्रेक के बाद इस मुकाबले में निशा के लिए काफी कुछ बदल गया, जिसके दौरान निशा साफ तौर पर दिक्कत में दिख रही थीं। निशा की आंखों में आंसू थे, लेकिन उन्होंने एक भी बार मैदान नहीं छोड़ा। पहले राउंड को निशा ने पूरी तरह से डोमिनेट किया, लेकिन दूसरे राउंड में उनके लिए कुछ भी अच्छा नहीं हुआ। मैच में 10 सेकंड बचे थे, स्कोर 8-8 से बराबर था, लेकिन चोटिल भारतीय पहलवान ने एक भी बार हार नहीं मानी और वह दर्द में भी लड़ती रही।
क्या टूट गया निशा का ओलंपिक मेडल का सपना
क्वार्टर फाइनल में निशा का जीतना पूरी तरह से तय माना जा रहा था। एक इंजरी ने उनका पूरा काम खराब कर दिया। निशा की विरोधी पाक सोल गम अगर फाइनल में पहुंचती हैं तो निशा को रेपेचेज राउंड में खेलने का मौका मिल सकता है, लेकिन उसकी इंजरी के कारण उसका भाग लेना काफी मुश्किल नजर आ रहा है। ऐसे में यह कहना अब गलत नहीं होगा कि इस बार तो उनका ओलंपिक मेडल जीतने का सपना अधूरा रह गया। क्वार्टर फाइनल मैच हारने के बाद निशा काफी ज्यादा रो रही थी। वहां बैठे लोगों ने निशा के लिए तालियां भी बजाई और उनके हिम्मत की काफी तारीफ भी हुई।
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