Neeraj Chopra: कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 की शुरुआत 28 जुलाई से बर्मिंघम में होने जा रही है। शुरुआत के दो दिन पहले ही भारतीय दल को बड़ा झटका तब लगा जब उनकी सीधी-सीधी एक गोल्ड की उम्मीद को झटका लगा। भारत के स्टार जैवलिन थ्रोअर (भाला फेंक एथलीट) नीरज चोपड़ा ग्रोइन इंजरी के कारण राष्ट्रमंडल खेलों से बाहर हो गए। मंगलवार 26 जुलाई को यह जानकारी सामने आते ही पूरे भारत के स्पोर्ट्स फैन निराश हो गए। सभी को इन खेलों में उनसे एक और गोल्ड मेडल की उम्मीद थी। नीरज ने सोशल मीडिया पर एक लेटर के जरिए इस पर अपना रिएक्शन भी दिया।
आपको बता दें कि ओलंपिक चैम्पियन नीरज चोपड़ा बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के ध्वजवाहकी भी थे। गुरुवार 28 जुलाई को होने वाले उद्घाटन समारोह में ध्वजवाहक के तौर पर देश का नेतृत्व करने का मौका गंवाने पर नीरज ने खुद निराशा व्यक्त की है। स्टार भाला फेंक एथलीट हाल ही में विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने के अभियान के दौरान चोटिल हो गए थे। फिर भी यह 24 वर्षीय सुपरस्टार बर्मिंघम में अपने खिताब का बचाव करने के लिए पूरी तरह तैयार था, लेकिन एमआरआई स्कैन में मामूली चोट का पता चलने के बाद उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों से नाम वापस लेना पड़ा।
नीरज चोपड़ा ने जताई निराशा
नीरज चोपड़ा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक पत्र के जरिए कहा, ‘‘मुझे इस बात का अफसोस है कि मैं बर्मिंघम में देश का प्रतिनिधित्व नहीं कर पाऊंगा। मुझे विशेषकर उद्घाटन समारोह में भारतीय टीम का ध्वजवाहक बनने का मौका गंवाने से निराशा है। फिलहाल मेरा पूरा ध्यान अपने रिहैबिलिटेशन पर होगा और मैं जल्द से जल्द दोबारा मैदान पर आने की कोशिश करूंगा।’’ यह कहना गलत नहीं होगा कि नीरज चोपड़ा के बाहर होने से एथलेटिक्स में भारत की उम्मीदों को करारा झटका लगा है। पिछली बार के चैंपियन चोपड़ा को पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा था।
नीरज चोपड़ा ने अपने पत्र में यह भी कहा, ‘‘मुझे विश्व चैंपियनशिप के चौथे थ्रो के दौरान आए खिंचाव की वजह से कुछ तकलीफ महसूस हो रही थी और कल यहां अमेरिका में इसकी जांच करने पर एक मामूली चोट के बारे में पता लगा, जिसके लिए मुझे कुछ सप्ताह तक रिहैबिलिटेशन की सलाह दी गई है। पिछले कुछ दिनों में सभी देशवासियों से जितना प्यार और सम्मान मिला है उसके लिए मैं आप सभी का शुक्रिया करना चाहता हूं। आशा करता हूं कि आप सभी इसी प्रकार मेरे साथ जुड़कर हमारे देश के सभी खिलाड़ियों का राष्ट्रमंडल खेलों में समर्थन करते रहेंगे। जय हिंद।’’
गौरतलब है कि कॉमनवेल्थ खेलों में वैश्विक प्रतिस्पर्धा का स्तर थोड़ा कम होता है। ऐसे में यह संभावना थी कि नीरज गोल्ड मेडल भारत की झोली में डाल सकते हैं। उनके बाहर होने के बाद भारतीय दल को बड़ा झटका लगा है। नीरज 2018 कॉमनवेल्थ खेलों के चैंपियन भी हैं। वह इस बार अपने स्वर्ण पदक को डिफेंड करने के लिए उतरने वाले थे लेकिन अब ऐसा नहीं हो पाएगा। पिछले राष्ट्रमंडल खेलों में नीरज ने 86.47 मीटर के थ्रो के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के हामिश पीकोक (82.59 मीटर थ्रो) को मात दी थी।