Neeraj Chopra: अब वो लम्हा आने वाला है जिसका सबको इंतजार था। ओलंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा युजीन में आयोजित वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में अपने अभियान की शुरुआत करने वाले हैं। जेवलिन थ्रो स्टार चोपड़ा भारतीय समय के मुताबिक शुक्रवार तड़के अपने अपने क्वालीफिकेशन राउंड का आगाज करेंगे। उनके साथ हमवतन रोहित यादव भी चैंपियनशिप के क्वॉलीफायर्स में शामिल होंगे।
नीरज चोपड़ा क्वॉलीफायर्स में ग्रुप ए का हिस्सा
भारतीय स्टार एथलीट को मेंस जेवलिन थ्रो के क्वॉलीफायर्स राउंड में ग्रुप ए में रखा गया है। उनका राउंड भारतीय समय के मुताबिक शुक्रवार सुबह 5.35 बजे शुरू होगा। चोपड़ा के ग्रुप में कुल 14 जेवलिन थ्रो एथलीट को रखा गया है। रोहित यादव को ग्रुप बी में रखा गया है, जिनका क्वॉलीफाइंग राउंड सुबह 7.05 बजे शुरू होगा। ये दोनों मुकाबले ओरेगोन विश्वविद्यालय के हेवार्ड फील्ड पर आयोजित होंगे।
इतिहास रचने पर नीरज की नजर
नीरज की नजर इस इवेंट के 39 साल लंबे इतिहास में भारत का पहला ट्रैक एंड फील्ड वर्ल्ड चैंपियन बनने पर है। क्वॉलिफिकेशन स्टेज में अपने ग्रुप में उनके टॉप पर रहते हुए फाइनल में उनके पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। इसका फाइनल रविवार की सुबह आयोजित होगा।
वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल जीतने वाली अकेली भारतीय अंजू बॉबी जॉर्ज
अंजू बॉबी जॉर्ज वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में मेडल जीतने वाली भारत की पहली और एकमात्र एथलीट हैं। उन्होंने 2003 में पेरिस में हुए चैंपियनशिप में 6.70 मीटर की कूद लगाकर कांस्य पदक जीता था।
अपने डेब्यू पर क्वॉलीफाई करने में असफल हुए थे नीरज
नीरज चोपड़ा 2017 में लंदन में हुए वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में क्वॉलीफाई नहीं कर सके थे। ऑटोमेटिक क्वॉलीफिकेशन के लिए 83 मीटर की सीमा तय की गई थी लेकिन उनका बेस्ट थ्रो 82.26 मीटर का हुआ था।
दबाव के बिना कंपीट करने का लक्ष्य
एक भारतीय मीडिया एजेंसी से बात करते हुए चोपड़ा ने कहा, “मैं वर्ल्ड चैंपियनशिप में बिना किसी दबाव के कंपीट करना चाहता हूं। मैं ओलंपिक चैंपियन वाले आभामंडल से अलग होकर खेलूंगा। मैं अपना नेचुरल गेम खेलूंगा और अपना सौ फीसदी दूंगा। हर एथलीट का टारगेट गोल्ड होता है, मेरा भी यही है।”
90 मीटर की सीमा से आगे बढ़ने का टारगेट
नीरज का पर्सनल बेस्ट थ्रो 89.94 मीटर है जो उन्होंने 30 जून को स्टॉकहोम में हुए डायमंड लीग में हासिल किया था। इस थ्रो से उन्हें सिल्वर मेडल मिला था। हालांकि नीरज का मानना है कि भाले की दूरी उनके नियंत्रण में नहीं है पर वे मानते हैं कि अपना सौ फीसदी लगाने पर ये दूरी 91 या 92 मीटर भी हो सकती है। अगर अगर भारतीय जेवलिन थ्रो स्टार इस दूरी को नापने में कामयाब हुए, तो उनका गोल्ड मेडल लगभग पक्का हो जाएगा