भारत के गोल्डन ब्वॉय की कहानी, अब तक नीरज चोपड़ा जीत चुके हैं इतने मेडल
नीरज चोपड़ा ने पिछले ओलंपिक में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता था। इस बार भी फैंस को उनसे गोल्ड मेडल की पूरी उम्मीद है। उनका हालिया फॉर्म भी कमाल का रहा है।
जैवलिन थ्रो की बात हो और नीरज चोपड़ा का नाम न लिया जाए ऐसा हो नहीं सकता। नीरज चोपड़ा को आप गोल्डन ब्वॉय कह लीजिए या फिर गोट। गोट माने ग्रेटेस्ट ऑफ ऑल टाइम। नीरज चोपड़ा ने इस नाम को अपनी मेहनत से कमाया है। दुनियाभर में खेले जाने वाले कई प्रतियोगिताओं में नीरज चोपड़ा ने अपना डंका बजाया है। ओलंपिक हो, कॉमनवेल्थ गेम्स या फिर एशियन गेम्स, उनके जैवलिन ने हर बार गोल्ड पर सटीक निशाना लगाया। 26 साल के नीरज चोपड़ा के इन उपलब्धियों ने पूरे देश में जैवलिन थ्रो का लेवल काफी ज्यादा बढ़ा दिया। हाल के समय में उन्होंने लंबे इंजरी ब्रेक के बाद वापसी की है और भारत का गोल्डन ब्वॉय एक बार फिर से ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
नीरज को है गोल्ड की आदत
भारतीय स्टार एथलीट नीरज चोपड़ा को लगभग हर इवेंट में गोल्ड मेडल जीतने की आदत सी हो गई है। नीरज चोपड़ा ने इंटरनेशनल लेवल पर साल 2016 से भारत का नाम रौशन करना शुरू कर दिया था। उस वक्त वह सिर्फ 19 साल थे। जिस उम्र में भारत के नौजवान अपने करियर के बारे में ज्यादा कुछ सोच नहीं पाते हैं। उस उम्र में नीरज ने भारत के लिए साउथ एशिआई खेलों में गोल्ड मेडल जीता था। इसके बाद से ही नीरज चोपड़ा ने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार भारत के लिए बड़े इवेंट पर गोल्ड मेडल जीतते रहे। उनके करियर में साल 2021 में सबसे बड़ा मोड़ लिया। जब उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में भारत के लिए इकलौता गोल्ड मेडल अपने नाम किया। इस मेडल ने करोड़ो भारतीय फैंस को ये उम्मीद दी कि भारत इन खेलों में भी अच्छा कर सकता है।
- दक्षिण एशियाई खेल 2016 में गोल्ड
- एशियन चैंपियनशिप 2017 में गोल्ड
- कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 में गोल्ड
- एशियन गेम्स 2018 में गोल्ड
- टोक्यो ओलंपिक 2020 में गोल्ड
- एशियन गेम्स 2022 में गोल्ड
- डायमंड लीग 2022 में गोल्ड
- विश्व चैंपियनशिप 2022 में रजत
- विश्व चैंपियनशिप 2023 में गोल्ड
- डायमंड लीग 2023 में रजत
ओलंपिक में कब शामिल हुआ जैवलिन
708 बीसी में प्राचीन ओलंपिक खेलों में जैवलिन थ्रो को शामिल किया गया था लेकिन उस समय, जैवलिन एक स्टैंडअलोन खेल नहीं था बल्कि मल्टी-स्पोर्ट पेंटाथलॉन इवेंट का हिस्सा था। लेकिन साल 1908 में पहली बार लंदन ओलंपिक गेम्स में जैवलिन को आधुनिक यानी कि मॉडर्न ओलंपिक गेम्स का हिस्सा बनाया गया। महिलाओं के जैवलिन थ्रो की शुरुआत 1932 के लॉस एंजिल्स ओलंपिक में हुई। वहीं भारत ने पहली बार इस इवेंट में साल 2021 में पहला मेडल जीता।
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