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Paris Olympics से पहले नीरज चोपड़ा की फिटनेस को लेकर कोच का आया बड़ा बयान, कहा - अब वह पूरी तरह से फिट

Paris Olympics 2024: टोक्यो ओलंपिक में जेवलिन थ्रो इवेंट में गोल्ड मेडल जीतने वाले नीरज चोपड़ा पिछले एक साल में फिटनेस की समस्या से जूझते हुए दिखे हैं, ऐसे में पेरिस ओलंपिक से ठीक पहले नीरज के कोच बार्टोनिट्ज ने उनकी फिटनेस को लेकर बड़ी जानकारी दी है।

Neeraj Chopra- India TV Hindi Image Source : GETTY नीरज चोपड़ा

Paris Olympics 2024: पेरिस ओलंपिक 2024 को शुरू होने में अब एक हफ्ते से भी कम का समय बचा है ऐसे में खेलों के इस महाकुंभ में हिस्सा लेने वाले एथलीट्स ने खेल गांव में पहुंचना शुरू कर दिया है। इस बार भारत की तरफ से 117 एथलीट का दल खेल गांव पहुंचा है, जिसमें सभी को उम्मीद है कि टोक्यो ओलंपिक से बेहतर प्रदर्शन देखने को मिलेगा। इसी में एक नाम टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले स्टार जेवलिन थ्रो खिलाड़ी नीरज चोपड़ा का भी शामिल है। नीरज का पिछले एक साल में भी बेहतरीन प्रदर्शन जरूर देखने को मिला है लेकिन उन्हें फिटनेस की समस्या से भी जूझना पड़ा है। ऐसे में पेरिस ओलंपिक से ठीक पहले पिछले 5 साल से नीरज के कोच बार्टोनिट्ज ने उनकी फिटनेस को लेकर बड़ा बयान दिया है।

नीरज अब पूरी तरह से फिट

पेरिस ओलंपिक में सभी को नीरज से गोल्ड जीतने की उम्मीद है तो वहीं उनके कोच बार्टोनिट्ज ने उनकी फिटनेस को लेकर पीटीआई को दिए अपने बयान में कहा कि सब कुछ हमारी प्लानिंग के अनुसार चल रहा है। फिलहाल नीरज को जांघ की चोट की कोई समस्या नहीं है और यह पूरी तरह से ठीक है। हम सभी को उम्मीद है कि ओलंपिक में नीरज अपनी पूरी क्षमता के साथ खेलेंगे और 100 फीसदी देने की कोशिश करेंगे। ओलंपिक में अभी कुछ दिन का समय है इसलिए हमने ट्रेनिंग का स्तर बढ़ा दिया है जिसमें नीरज थ्रोइंग का सत्र कर रहे हैं।

6 अगस्त को पेरिस ओलंपिक में होगा जेवलिन थ्रो इवेंट

आगामी पेरिस ओलंपिक में जेवलिन थ्रो इवेंट के क्वालिफिकेशन का दौर 6 अगस्त से शुरू हो जाएगा जिसके लिए अभी लगभग 2 हफ्तों का समय है। वहीं जब बार्टोनिट्ज से चोपड़ा की ट्रेनिंग कार्यक्रम के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम सुबह में ‘स्प्रिंटिंग’, ‘जंपिंग’ या ‘थ्रोइंग’ या ‘वेटलिफ्टिंग’ के सत्र रखते हैं। सुबह और शाम दो सत्र होते हैं जिसमें प्रत्येक दो से ढाई घंटे तक का होता है। चोपड़ा का तरीका टोक्यो ओलंपिक से पहले अपनाये गये तरीके जैसा ही है जिसमें वह टूर्नामेंट के बजाय ट्रेनिंग पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं और वह अपने ‘ग्रोइन’ पर दबाव कम करने के लिए अपनी ‘ब्लॉकिंग’ करने वाले पैर को मजबूती देने पर भी काम कर रहे हैं।

(PTI INPUTS)

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