खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने गुरुवार को बताया कि विश्व डोपिंग निरोधक एजेंसी (वाडा) ने राष्ट्रीय डोप टेस्टिंग लेबोरेटरी (एनडीटीएल) को फिर मान्यता दे दी है। वैश्विक मानदंडों पर खरे नहीं उतरने के कारण 2019 में उसकी मान्यता ले ली गई थी।
ठाकुर ने ट्वीट किया, "राष्ट्रीय डोप टेस्टिंग लेबोरेटरी को विश्व डोपिंग निरोधक एजेंसी से फिर मान्यता मिली। इससे खेलों में उत्कृष्टता का उच्चतम वैश्विक स्तर हासिल करने के भारत के प्रयासों को बल मिलेगा। यह भारत सरकार के अथक प्रयासों का परिणाम है।"
डोपिंग उल्लंघन के मामले में वाडा की वैश्विक सूची में भारत तीसरे नंबर पर है। इसमें रूस शीर्ष पर है। निलंबन के कारण दिल्ली स्थित एनडीटीएल को डोपिंग निरोधक हर गतिविधि से रोक दिया गया था जिसमें मूत्र और रक्त के नमूनों का विश्लेषण शामिल है।
वाडा ने पहले अगस्त 2019 में एनडीटीएल को छह महीने के लिये निलंबित किया और बाद में यह अवधि बढ़ा दी। निलंबन के दौरान नाडा द्वारा एकत्र मूत्र के नमूने जांच के लिये दोहा में वाडा से मान्यता प्राप्त लैब में भेजने पड़ते थे। इससे भारत में डोपिंग निरोधक कार्यक्रम काफी महंगा हो गया था चूंकि जांच के लिये नमूने विदेश भेजे जा रहे थे।
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कोरोना महामारी के कारण भी भारत में डोपिंग निरोधक गतिविधियां मंद पड़ गई थी। वाडा के अपेक्षित मानदंडों पर खरा नहीं उतर पाने के कारण उसके लेबोरेटरी विशेषज्ञ समूह ने जनवरी में एनडीटीएल के खिलाफ आगे अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की थी। उसके बाद निलंबन और बढा दिया गया। निलंबन के कारण टोक्यो ओलंपिक से पहले एनडीटीएल में कोई जांच नहीं हो सकी।