छह बार की विश्व चैम्पियन एमसी मैरीकॉम और एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता अमित पंघाल के नाम 11 दिसंबर से अलग अलग स्थानों पर लगने वाले पुरुष और महिलाओं के 13 दिवसीय राष्ट्रीय शिविर में हिस्सा लेने वाले मुक्केबाजों की सूची से नदारद हैं। यही नहीं टोक्यो ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले पांच पुरुष मुक्केबाजों (मनीष कौशिक, आशीष चौधरी, विकास कृष्ण और सतीश कुमार) में से किसी का नाम भी 11 से 24 दिसंबर तक पटियाला के राष्ट्रीय खेल संस्थान (एनआईएस) में चलने वाले शिविर के लिये 52 खिलाड़ियों की सूची में शामिल नहीं है। इनमें से विकास कंधे की चोट से उबर रहे हैं जिसकी सर्जरी हुई थी।
महिलाओं का शिविर रोहतक के भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) केंद्र में इन्हीं तारीख पर लगाया जायेगा। महासंघ के शीर्ष सूत्र ने पीटीआई से गोपनीयता की शर्त पर कहा, "ऐसा इसलिये है क्योंकि उन्होंने राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में हिस्सा नहीं लिया था। पहले से ही फैसला हो चुका था कि यह शिविर केवल राष्ट्रीय पदक विजेताओं के लिये और उनके लिये होगा जिन्हें राष्ट्रीय प्रतियोगिता के अंत में हुए ट्रायल के बाद चुना गया था।"
उन्होंने कहा, "यह बाद में होने वाले शिविर में लागू नहीं होगा और किसी को भी इसमें हिस्सा नहीं लेने के बारे में चिंतित नहीं होना चाहिए। जो इस समय इसमें नहीं होंगे, उन्हें बाद में लगने वाले शिविर में मौका मिलेगा।"
जब संपर्क किया गया तो मैरीकॉम ने कहा, "मैं इस समय घर पर ही ट्रेनिंग कर रही हूं। मैं जनवरी के मध्य में अपनी टीम के साथ कड़ा अभ्यास करूंगी और विश्व चैम्पियनशिप के लिये तैयारी करूंगी।"
मणिपुर की 38 साल की पूर्व ओलंपिक कांस्य पदक विजेता राज्यसभा सदस्य भी हैं। उनका लक्ष्य अगले साल विश्व चैम्पियनशिप और बर्मिंघम में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों में हिस्सा लेने का है। इस्तांबुल में होने वाली महिला विश्व चैम्पियनशिप को कोविड-19 महामारी के कारण अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआईबीए) द्वारा इस साल दिसंबर से अगले साल मार्च तक स्थगित कर दिया गया। इस टूर्नामेंट के अभी अगले साल मई तक खिसकने की उम्मीद है।
राष्ट्रीय महिला शिविर में 49 मुक्केबाज हिस्सा लेंगी जिसमें टोक्यो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता लवलीना बोरगोहेन (70 किग्रा), पूर्व जूनियर विश्व चैम्पियन निकहत जरीन (52 किग्रा) और एशियाई चैम्पियन पूजा रानी (81 किग्रा) शामिल हैं। लवलीना ने राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में हिस्सा नहीं लिया था लेकिन महासंघ ने फैसला किया था कि टोक्यो में पदक विजेता प्रदर्शन के कारण उन्हें शिविर में चुना जायेगा।
सूत्र ने कहा, "यह सूची पिछली कार्यकारी समिति बैठक में हुए फैसलों के अनुसार ही चुनी गयी है जिसमें केवल लवलीना को ही छूट दी गयी थी।"
इसमें अरूंधती चौधरी भी शामिल है। 19 साल की इस युवा विश्व चैम्पियन ने लवलीना के विश्व चैम्पियनशिप के लिये स्वत: चयन के फैसले को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। महासंघ ने अंत में ट्रायल के लिये सहमति दी थी और इस चैम्पिनशिप को भी स्थगित कर दिया गया था। राष्ट्रीय प्रतियोगिता में अरूंधती के स्वर्ण पदक ने शिविर में स्थान सुनिश्चित किया और वह प्रभाव डालने की कोशिश करेंगी।
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पुरुषों के शिविर में पांच बार के एशियाई पदक विजेता शिव थापा (63.5 किग्रा) कविंदर बिष्ट (57 किग्रा) शामिल हैं। दोनों शिविर नये मुख्य कोचों द्वारा आयोजित कराये जायेंगे। नरेंद्र राणा पुरुष शिविर और भास्कर भट्ट महिलाओं के शिविर का मार्गदर्शन करेंगे। पुरुषों के हाई परफोरमेंस निदेशक सांटियागो निएवा अपने अनुबंध के लंबे विस्तार का इंतजार कर रहे हैं जो सर्बिया में अक्टूबर-नवंबर में विश्व चैम्पियनशिप के साथ ही समाप्त हो गया था। विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि उन्हें बरकरार रखने की संभावना है।