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फाइनल में हार के बाद छलका मनु का दर्द, चौथे स्थान पर रहने के कराण हुईं दुखी

भारत की टॉप निशानेबाज मनु भाकर ने शनिवार को महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल फाइनल में चौथे स्थान पर रहकर पेरिस ओलंपिक 2024 में अपना ऐतिहासिक अभियान समाप्त किया। उन्होंने दो कांस्य पदक जीते।

Manu Bhaker- India TV Hindi Image Source : INDIA TV इंडिया टीवी पर मनु भाकर

भारत की स्टार निशानेबाज मनु भाकर ने शनिवार 3 अगस्त को महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल इवेंट में चौथे स्थान पर रहकर पेरिस ओलंपिक 2024 में अपने अभियान का समापन किया। भाकर 33वें ओलंपिक गेम्स में भारत की बेस्ट ओलंपियन बनकर उभरीं, लेकिन तीसरा पदक चूकने पर उन्होंने निराशा व्यक्त की। 22 वर्षीय यह निशानेबाज दुर्भाग्य से तीन में से तीन पदक जीतने से चूक गईं। उन्होंने व्यक्तिगत 10 मीटर एयर पिस्टल और सरबजोत सिंह के साथ मिक्स्ड 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। भारत ने तीनों पदक निशानेबाजी में जीते हैं। वहीं कुछ अन्य खेलों में अभी भी भारत की उम्मीदें पूरी तरह से जिंदा है।

हार के कारण निराश हैं मनु

मनु के साथी अर्जुन बाबूता उन भारतीयों में से एक थे जो पेरिस में पदक जीतने से चूक गए थे। बाबूता मेंस 10 मीटर राइफल इवेंट के फाइनल में चौथे स्थान पर रहे और भाकर ने खुलासा किया कि शनिवार को पदक से चूकने के बाद उन्होंने बाबूता के दर्द को महसूस किया। पेरिस में इंडिया टीवी के स्पोर्ट्स एडिटर समीप राजगुरु से बात करते हुए, भाकर ने भारतीय समर्थकों को भी धन्यवाद दिया और उनसे पेरिस ओलंपिक 2024 में शेष दावेदारों का समर्थन करते रहने की अपील की। 

मनु ने क्या कहा

मनु भाकर ने इंडिया टीवी से बात करते हुए कहा कि टॉप तीन में जगह न बना पाने के कारण मैं बहुत निराश हूं, लेकिन फाइनल में एक अंक ऊपर या नीचे रहना ही सब कुछ है। चौथे स्थान पर रहना कभी भी पर्याप्त नहीं होता और अब मैं अपने साथी अर्जुन बाबूता का दर्द समझ सकती हूं, क्योंकि वह अपने इवेंट में चौथे स्थान पर रहे थे। मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक में अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार और कोचों को दिया और अपनी कड़ी मेहनत का खुलासा किया जिससे उन्हें 2020 टोक्यो ओलंपिक में निराशाजनक अभियान के बाद मजबूत वापसी करने में मदद मिली। 

ओलंपिक में कैसे किया कमबैक

मनु ने आगे कहा कि मैंने बहुत सारे उतार-चढ़ाव देखे हैं क्योंकि मेरे जीवन में सब कुछ इस खेल से जुड़ा हुआ है। लेकिन अब मैं आठ साल की सारी मेहनत और प्रयास देख सकती हूं जो मेरे लिए फलदाई साबित हो रहे हैं। अब हर कोई मेरा समर्थन कर रहा है, टोक्यो ओलंपिक में मेरे प्रदर्शन के बाद कई लोगों ने मेरा समर्थन किया और मैं इसके लिए आभारी हूं। इसलिए, कृपया यहां भाग लेने वाले बाकी भारतीय एथलीटों का समर्थन करते रहें। मनु का पूरा इंटरव्यू देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।