ओलंपिक में ब्रॉन्ज जीतते ही स्वप्निल कुसाले पर हुई पैसों की बरसात, महाराष्ट्र के CM ने खोल दिया खजाना
Swapnil Kusale: शूटिंग में भारत के स्वप्निल कुसाले ने पेरिस ओलंपिक 2024 में कमाल का प्रदर्शन किया है और ब्रॉन्ज मेडल जीत लिया है। उन्होंने मेडल जीतते ही इतिहास रचा है।
Swapnil Kusale: पेरिस ओलंपिक 2024 में शूटिंग में भारतीय प्लेयर्स बहुत ही शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। भारतीय निशानेबाज पेरिस ओलंपिक में अभी तक कुल तीन पदक जीत चुके हैं। पुरुष 50 मीटर राइफल 3 पोजिशंस में स्वप्निल कुसाले ने 451.4 का स्कोर करने के साथ ब्रॉन्ज मेडल जीत लिया है। स्वप्निल ओलंपिक के इतिहास में भारत की तरफ से इस इवेंट में मेडल जीतने वाले पहले खिलाड़ी बन गए हैं। उनसे पहले ओलंपिक में 50 मीटर राइफल 3 पोजिशंस में कोई भी भारतीय मेडल नहीं जीत पाया था। अब महाराष्ट के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने स्वप्निल कुसाले के लिए बड़ा ऐलान किया है।
महाराष्ट्र के CM ने स्वप्निल को इतने करोड़ रुपये देने का किया ऐलान
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने पेरिस में कांस्य पदक जीतने पर ओलंपियन स्वप्निल कुसाले को 1 करोड़ रुपये देने की घोषणा की है। स्वप्निल कुसाले ने बहुत ही शानदार प्रदर्शन किया है। पुरुष 50 मीटर राइफल 3 पोजिशंस के इवेंट में एथलीट को पहले घुटने पर उसके बाद लेटकर और फिर खड़े होकर शॉट लगाने होते हैं। स्वप्निल फाइनल में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए थे और वह पीछे चल रहे थे। लेकिन इसके बाद उन्होंने अपने प्रदर्शन में सुधार किया और नंबर-3 पर रहते हुए ब्रॉन्ज मेडल जीत लिया।
पहले ओलंपिक में ही जीता मेडल
अपना पहला ओलंपिक खेलने के लिए स्वप्निल कुसाले को 12 साल इंतजार करना पड़ा। जब स्वप्निल कुसाले से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि शायद मैं तब मानसिक रूप से इतना मजबूत नहीं था। महाराष्ट्र के कोल्हापूर के पास कंबलवाडी गांव में स्कूल शिक्षक पिता और सरपंच मां के बेटे 28 साल के कुसाले ने 2009 में निशानेबाजी शुरू की और 2012 में इंटरनेशनल लेवल पर डेब्यू किया था। वह रियो ओलंपिक 2016 और टोक्यो ओलंपिक 2020 में हिस्सा लेने से चूक गए थे।
कुसाले ने पदक जीतने के बाद कहा कि मैने कुछ खाया नहीं है और पेट में गुड़गुड़ हो रही थी। मैने ब्लैक टी पी और यहां आ गया। हर मैच से पहले रात को मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं। आज दिल बहुत तेजी से धड़क रहा था। मैने श्वास पर नियंत्रण रखा और कुछ अलग करने की कोशिश नहीं की। इस स्तर पर सभी खिलाड़ी एक जैसे होते हैं। कुसाले ने अपने माता पिता और निजी कोच दीपाली देशपांडे को भी श्रेय दिया। दीपाली मैम के बारे में क्या कहूं। वह मेरी दूसरी मां जैसी हैं।
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