CWG 2022: ओलंपिक पदक विजेता लवलीना ने लगाया उत्पीड़न का आरोप, खेल मंत्रालय ने दी सफाई
Lovlina : ट्विटर पर लवलीना ने लिखा है कि आज मैं बड़े दुख के साथ कहती हूं कि मेरे साथ बहुत हरासमेंट हो रही है।
Highlights
- कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत की ओर से खेल रही हैं बॉक्सर लवलीना
- लवलीना बोर्गोहेन ने किया लंबा ट्वीट, लगाए कई गंभीर आरोप
- भारत के लिए टोक्यो ओलंपिक में जीता था भारत के लिए कांस्य पद
Lovlina Borgohain : कॉमनवेल्थ गेम्स की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। 28 जुलाई के इंग्लैंड के बर्मिंघम में राष्ट्रमंडल खेल शुरू होने जा रहे हैं। इस बार भारतीय खिलाड़ियों से भी पदक की उम्मीद है। भारत के जो खिलाड़ी पदक जीतने की आस जगाए हुए हैं, उसमें भारत की स्टार बॉक्सर लवलीना भी शामिल हैं। उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में भारत के लिए पदक जीता था। लेकिन इससे पहले कि इस बार लवलीना बॉक्सिंग की रिंग में उतरें, उन्होंने बड़े आरोप लगाए हैं। लवलीना ने अपने साथ भेदभाव और मानसिक उत्पीड़न की बात कही है। उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से एक लंबा ट्वीट किया है, जिसमें अपनी बात विस्तार से रखी है। ये ट्विट सामने आने के बाद हड़कंप सा मच गया है। लोग इस पर तरह तरह के कमेंट भी कर रहे हैं।
लवलीना ने अपने ट्वीट में लिखी पूरी बात
ट्विटर पर लवलीना ने लिखा है कि आज मैं बड़े दुख के साथ कहती हूं कि मेरे साथ बहुत हरासमेंट हो रही है। हर बार मेरे कोच्स, जिन्होंने मुझे ओलंपिक में गोल्ड लाने में मदद की, उन्हे हर बार हटाकर मेरी ट्रेनिंग प्रोसेस और कंपटीशन में हमेशा हरासमेंट करते हैं। इसमें से एक कोच संध्या भी गुरुंजी द्रोणाचार्य अवार्डी भी हैं। मेरे दोनों कोच को कैंप में भी ट्रेंिनंग के लिए हजार बार हाथ जोड़ने के बाद बहुत लेट शामिल किया जाता है। मुझे इससे ट्रेनिंग में बहुत परेशानियां उठानी पड़ती हैं और मेंटल हरासमेंट तो होती ही है। अभी मेरे कोच संध्या गुरुंजी कॉमनवेल्थ विलेज के बाहर हैं, उन्हें एंट्री नहीं मिल रही है। मेरा ट्रेनिंग प्रोसेस गेम्स से ठीक आठ दिन पहले रुक गया है। मेरे दूसरे कोच भी भी इंडिया वापस भेेज दिया गया है। मेरे इतने अनुरोध करने के बाद भी ये हुआ है। इससे मुझे बहुत परेशानी हुई है। मेरी समझ में नहीं आ रहा है कि मैं गेम्स में कैसे फोकस करूं। इसके चलते मेरा लास्ट विश्व चैंपियनशिप भी खराब हुआ। और इस पॉलिटिक्स के चलते, मैं अपना कॉमनवेल्थ गेम्स खराब नहीं करना चाहती। आशा करती हूं कि मैं मेरे देश के लिए इस पॉलिटिक्स को तोड़कर मेडल पा लूंगी। जय हिन्द।
लवलीना असम की रहने वाली हैं और इस बार के राष्ट्रमंडल खेलों में वे भारत की पदक की आस हैं। इससे पहले दो बार वे विश्व चैंपियनशिप में कॉस्य पदक जीत चुकी हैं। हालंकि पिछले राष्ट्रमंडल खेल में यानी 2018 में उन्होंने कोई पदक नहीं जीता था, यानी उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा था। अब देखना होगा कि लवलीना ने जो ट्वीट किया है, उससे कुछ सुधार होता है या नहीं।
खेल मंत्रालय ने दी सफाई
मुक्केबाज के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए खेल मंत्रालय ने कहा कि उसने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को इस मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझाने का निर्देश दिया है। मंत्रालय ने ट्वीट किया कि हमने भारतीय ओलंपिक संघ से लवलीना बोरगोहेन के कोच की एक्रीडिटेशन की तत्काल व्यवस्था करने का आग्रह किया है।
SAI और BFI का बयान
भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) ने मामले पर कहा कि वह मामले का उचित समाधान निकालने की कोशिश कर रहा है। साइ ने कहा कि साइ ने मामले को बीएफआई के समक्ष उठाया है। खेल मंत्रालय आईओए से बात कर मामले को सुलझाने और लवलीना को सर्वश्रेष्ठ तैयारी करने में मदद सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है। वह इन खेलों में पदक की मजबूत दावेदार है। इस मामले में बीएफआई ने बयान में कहा कि नियमों के मुताबिक दल में सहयोगी स्टाफ की संख्या खिलाड़ियों की संख्या का एक तिहाई (33 प्रतिशत) होती है। भारतीय मुक्केबाजी दल में 12 खिलाड़ी (आठ पुरुष और चार महिला) है। इसके मुताबिक टीम के साथ चार सहयोगी सदस्य रह सकते हैं।
बीएफआई ने कहा कि कोच और सहयोगी सदस्य के संबंध में मुक्केबाजी की आवश्यकता थोड़ी अलग है क्योंकि एक के बाद एक कई मुकाबले हो सकते हैं। बयान के मुताबिक, ‘‘आईओए की मदद से, 12 मुक्केबाजों के दल के लिए सहयोगी स्टाफ की संख्या चार से बढ़कर आठ कर दी गयी।’’ लवलीना के ‘अभ्यास और अनुकूलन शिविर के दौरान कोच को शामिल करने के लिए भीख मांगनी पड़ी’ के आरोपों प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘हमने सुनिश्चित किया कि संध्या गुरुंग आयरलैंड में प्रशिक्षण शिविर में मौजूद रहे।’’ इस मामले में आईओए ने गेंद बीएफआई के पाले में डालते हुए कहा यह संबंधित खेल संघ के ऊपर है कि वे दल में किसे ले जाना चाहते हैं। आमतौर पर किसी भी बड़े खेल आयोजन में भाग लेने वाला देश सहयोगी स्टाफ और अधिकारियों की ‘लंबी सूची’ बनाता है। लेकिन इसका यह मतलब नहीं की सूची में शामिल सभी लोग दौरे पर जायेंगे। इस सूची में हालांकि संध्या का नाम था। मेहता ने कहा, ‘‘लंबी सूची’ में 1200 नाम थे और 215 खिलाड़ी इन खेलों के लिए जा रहे हैं। नियमों के मुताबिक वे (बीएफआई) चार सहयोगी स्टाफ के हकदार हैं लेकिन हमने उनके निवेदन पर आठ सहयोगी सदस्यों की मंजूरी दी है। यह संबंधित खेल संघ के ऊपर है कि वे टीम में किसे ले जाना चाहते है। आईओए अपनी मर्जी से कुछ नहीं कर सकता।’