क्या मेसी को मिलेगा ‘तेंदुलकर मोमेंट’? दुनिया भर के फैंस मांग रहे हैं खास दुआएं
लियोनेल मेसी अपने करियर में पहली बार वर्ल्ड कप ट्रॉफी को उठाने से सिर्फ एक जीत दूर खड़े हैं। वह कतर में ठीक वैसी ही सफलता हासिल कर सकते हैं जैसी सचिन तेंदुलकर को 2011 में मिली थी।
लियोनेल मेसी के साथ-साथ एक पूरी दुनिया चलती है। यूं कहिए कि उनके साथ पूरी दुनिया ठहर जाती है। जब वह नाराज होकर रेफरी से बहस करते हैं तो उनके साथ आपको भी गुस्सा आता है। जब वह सेमीफाइनल में जीत हासिल करने के बाद मैदान का चक्कर लगाते हुए जीत का जश्न मनाते हैं तब यह दुनिया पहले से ज्यादा बेहतर नजर आने लगती है। मंगलवार की रात जब अर्जेंटीना ने फीफा वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में क्रोएशिया को हराया तब पूरी दुनिया खुशी से कुलांचे भरने लगी। जोश और उत्साह अपने चरम पर था। आप चाहे कुछ भी हासिल कर लें वर्ल्ड कप ट्रॉफी की तो बात ही अलग है। पेले ने इसे तीन बार अपने नाम किया। माराडोना ने भी इसपर एक बार हाथ फेरा तो वह ‘हैंड ऑफ गॉड’ बन गया। अब इस मोड़ पर आकर अगर मेसी मौके को गंवाते हैं तो फुटबॉल के इतिहास का यह पन्ना कभी खत्म नहीं होगा। अपने करियर के पांचवें वर्ल्ड कप में मेसी इस ट्रॉफी को ठीक उसी तरह उठाना चाहते हैं जिस तरह कभी क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर ने इसकी चाहत की थी।
मेसी को मिल सकता है तेंदुलकर मोमेंट
सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर के छठे और अंतिम वर्ल्ड कप में भारत को विश्व विजेता बनाया। उन्होंने 2011 में मुंबई में ट्रॉफी को उठाया था। क्या रविवार को मेसी और अर्जेंटीना को तेंदुलकर वाला मोमेंट मिल सकता है? तेंदुलकर ने अपने सपने को सच कर दिखाया था और और दुनिया में करोड़ों ऐसे लोग हैं तो मेसी के साथ भी ऐसा ही होने की दुआ मांग रहे हैं। यह मुमकिन है क्योंकि अर्जेंटीना के कप्तान शानदार फॉर्म में हैं। वह सर्वाधिक 5 गोल करके फ्रांस के किलियन एमबापे के साथ गोल्डन बूट की रेस में बराबरी पर हैं। यह लय उन्हें विश्व विजेता बना सकती है।
दुनिया मांग रही मेसी की जीत की दुआएं
मेसी वर्ल्ड कप के आगाज से पहले ही अपने संन्यास का ऐलान कर चुके हैं। वह पहले ही बता चुके हैं कि कतर में जारी टूर्नामेंट उनके करियर का आखिरी वर्ल्ड कप है। बहुत कुछ सचिन की तरह। हालांकि मास्टर ब्लास्टर ने इसका ऐलान नहीं किया था पर सबको पता था कि उनके करियर की सांझ आ चुकी है। भारत ने 2011 में वर्ल्ड कप जीता तो पूरी टीम ने उन्हें अपने कंधे और सिर पर उठा लिया। वानखेड़े स्टेडियम का चक्कर लगाया। छूट होती, तो फैंस उन्हें उठाकर पूरी पृथ्वी को नाप लेते। अगर अर्जेंटीना को रविवार को फीफा वर्ल्ड कप फाइनल में विजय मिलती है, तो यकीन मानिए ठीक वैसा ही दृश्य होगा। ठीक वैसा ही भावनाओं का सैलाब उमरेगा, दुनिया फिर से पहले से ज्यादा खूबसूरत हो जाएगी। बस सचिन की जगह मेसी होंगे।