अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आईओसी) ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को दिल्ली उच्च न्यायालय में एक लंबित मामले के मद्देनजर 19 दिसंबर को होने वाले चुनावों को बाद में कराने की सलाह दी है, लेकिन संस्था से इसी तिथि को अपनी आम सभा का आयोजन करने का आग्रह किया है। आईओए अध्यक्ष नरिंदर बत्रा को भेजे गये पत्र में आईओसी ने कहा है कि आईओए संविधान में आवश्यक संशोधनों के बाद चुनाव अगले साल जनवरी का महीना समाप्त होने से पहले होने चाहिए।
मुक्केबाजी समेत इन तीन खेलों पर ओलंपिक 2028 से बाहर होने का खतरा, ये है वजह आईओसी ने बत्रा को लिखा है, ‘‘वर्तमान परिदृश्य में हमें लगता है कि आईओए चुनाव अदालत के आदेश के कारण पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 19 दिसंबर 2021 को नहीं कराये जा सकते हैं। हालांकि हमें लगता है कि जब तक अदालत के आदेश में अन्यथा संकेत नहीं दिया जाता है, आम सभा का आयोजन 19 दिसंबर 2021 को ही किया जा सकता है जिसके एजेंडा में वे विषय शामिल होंगे जो चुनाव से संबंधित नहीं हैं।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘इसके बाद जल्द से जल्द आम सभा का चुनाव कराना होगा और आईओए संविधान और ओलंपिक चार्टर के अनुरूप चार साल के चुनावी चक्र का सम्मान करते हुए इसे जनवरी 2022 के आखिर तक गठित करना होगा।’’
आईओए के सूत्रों के अनुसार मुख्य मुद्दा आईओए संविधान के उपबंध 11.1.3 में प्रतिबंधात्मक प्रावधान है, जिसके लिए अध्यक्ष और महासचिव के पद के लिए उम्मीदवारों का पहले से इनमें से किसी एक पद पर होना चाहिए या आईओए की पांच पूर्ववर्ती कार्यकारी परिषदों में से किसी में निर्वाचित सदस्य होना चाहिए। आईओसी ने पत्र में कहा है, ‘‘हमने अदालत के फैसले पर गौर किया और उसका निश्चित रूप से सम्मान किया जाएगा। हालांकि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस तरह के संस्थागत और आंतरिक मुद्दों को आईओए स्वयं ही नहीं सुलझा पाया।’’ आईओसी ने यह स्पष्ट किया कि संविधान में किसी भी तरह के संशोधन के लिये उचित प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए और फिर उसे अनुमोदन के लिये आईओसी के पास भेजा जाना चाहिए। दिल्ली उच्च न्यायालय ने वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा की याचिका पर आईओए की कार्यकारी समिति के चुनाव पर रोक लगा दी थी। मेहरा ने अपनी याचिका में कहा था कि 19 दिसंबर को होने वाले प्रस्तावित चुनाव पूरी तरह से अवैध हैं और सुनवाई लंबित रहने तक चुनाव नहीं होने चाहिए।