टोक्यो ओलंपिक में 41 साल के लंबे इंतजार के बाद मेडल जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम की नजर अब कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय तिरंगा लहराने पर है। भारत ने टोक्यो गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल जीता था, इसी साल बर्मिंघम में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स में उसका टारगेट गोल्ड मेडल को अपनी झोली में डालने का है।
भारतीय हॉकी टीम का मिशन कॉमनवेल्थ गेम्स गोल्ड मेडल
राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक को अपना लक्ष्य बना चुकी भारतीय पुरुष हॉकी टीम अब किसी भी मैच को हलके में नहीं लेने वाली। इसी कड़ी में, भारतीय टीम शनिवार से शुरू हो रहे एफआईएच प्रो लीग के आखिरी मुकाबले में नीदरलैंड के खिलाफ जीत दर्ज कर अपने मिशन को मजबूती से आगे बढ़ाना चाहेगी। पिछले हफ्ते टोक्यो ओलंपिक चैम्पियन बेल्जियम के खिलाफ मुकाबले में भारत ने पहला मैच शूटआउट में 5-4 से जीता लेकिन दूसरे मैच में उसे 2-3 से हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में नीदरलैंड के खिलाफ लीग के आखिरी मैच में मिली जीत भारतीय टीम का मोमेंटम सेट कर सकती है।
भारतीय टीम का लीग में टॉप पर रहने का टारगेट
फिलहाल 14 मैचों के बाद प्रो लीग के प्वाइंट्स टेबल में भारत 29 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर है। बेल्जियम 14 मैचों में 31 अंक लेकर नीदरलैंड के साथ टॉप पोजीशन पर है, लेकिन नीदरलैंड ने अभी सिर्फ 12 मैच ही खेले हैं। भारत के पास अभी भी टॉप पर पर रहने का मौका है, जिसके लिए उसे नीदरलैंड के खिलाफ दोनों मैच जीतने होंगे। नीदरलैंड विश्व की तीसरे नंबर की टीम है और उसे हराना आसान नहीं होगा।
कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए भारत का ड्रेस-रिहर्सल जारी
भारतीय टीम प्रो लीग में दुनिया की बेस्ट 12 टीमों के साथ खेल रही है। यूरोपीय हालात में बड़ी टीमों से खेलने का फायदा भारत को 28 जुलाई से आठ अगस्त तक बर्मिंघम में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स में मिलेगा। इन मैचों से भारतीय टीम को खुद को आंकने का मौका मिलेगा। दुनिया की नंबर एक टीम बेल्जियम के खिलाफ अमित रोहिदास की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने जबरदस्त जुझारूपन दिखाया और वे इस लय को कायम रखना चाहेंगे।