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Hindi News खेल अन्य खेल पिता के सपोर्ट से बनी बॉक्सर, अब ओलंपिक में देश को है पदक उम्मीद, जानें कैसा रहा निकहत जरीन का सफर

पिता के सपोर्ट से बनी बॉक्सर, अब ओलंपिक में देश को है पदक उम्मीद, जानें कैसा रहा निकहत जरीन का सफर

Paris Olympics 2024: भारत की तरफ से इस बार ओलंपिक 2024 में हिस्सा लेने पहुंचा 117 एथलीट्स के दल में 6 खिलाड़ी बॉक्सिंग के इवेंट में भी हिस्सा ले रहे हैं। इसमें एक नाम पिछले कुछ सालों से लगातार अपने प्रदर्शन से प्रभावित करने वालीं बॉक्सिंग खिलाड़ी निकहत जरीन का भी शामिल है।

Nikhat Zareen- India TV Hindi Image Source : GETTY पेरिस ओलंपिक में निकहत जरीन महिला बॉक्सिंग के 50 किलोग्राम के इवेंट में हिस्सा लेंगी।

Nikhat Zareen The Indian Boxer In Paris Olympics: फ्रांस की राजधानी पेरिस में 26 जुलाई से होने वाले ओलंपिक गेम्स में इस बार भारतीय दल से पिछले खेलों के मुकाबले अधिक पदक जीतने की उम्मीद की जा रही है। पेरिस ओलंपिक में इस बार बॉक्सिंग के अलग-अलग इवेंट के लिए 6 खिलाड़ियों ने क्वालीफाई किया है, जिसमें निकहत जरीन, लवलीना बोरहेगन, जैस्मिन लेम्बोरी, निशांत देव, प्रीति पवार और अमित पंघाल का नाम शामिल है। इस बार बॉक्सिंग के इवेंट में भी पदक जीतने की उम्मीद की जा रही है, जिसमें सभी की नजरें महिलाओं के 50 किलोग्राम भारवर्ग कैटेगिरी में हिस्सा लेने वाली निकहत जरीन का नाम प्रमुख तौर पर शामिल है। निकहत का पिछले कुछ सालों में बेहतरीन प्रदर्शन देखने को मिला है।

पहली बार ओलंपिक में मिलेगा खेलने का मौका, पिता के सपोर्ट से बनीं बॉक्सर

इस बार ओलंपिक में भारत की तरफ से कुल 117 एथलीट्स के दल में 72 खिलाड़ी ऐसे हैं जो पहली बार ओलंपिक में हिस्सा लेंगे, इसी में एक नाम बॉक्सिंग खिलाड़ी निकहत जरीन का भी शामिल है। निकहत के बारे में बात की जाए तो वह अपने पिता के सपोर्ट से बॉक्सिंग में अपना करियर बनाने में सफल हो सकीं। निकहत का जन्म 14 जून 1996 को तेलंगाना के निजामाबाद में हुआ था। निकहत को बचपन में कुछ अलग करने की चाहत ने उन्हें बॉक्सिंग में आगे बढ़ाने में मदद की। निकहत के बॉक्सर बनने के फैसले ने उनकी मां को जरूर थोड़ा निराश किया लेकिन पिता से उन्हें लगातार आगे बढ़ने के लिए सपोर्ट मिला, जिसमें शुरुआती ट्रेनिंग भी उन्हीं से मिली थी। 2009 में हैदराबाद में निकहत ने द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता कोच वेंकटेश्वर राव से बॉक्सिंग की प्रोफेशनल ट्रेनिंग की शुरुआत की जहां से उनके करियर को एक अलग मोड़ भी मिला।

साल 2011 में जूनियर और यूथ वर्ल्ड चैंपियनशिप में जीता गोल्ड मेडल

निकहत जरीन न साल 2011 में जूनियर और यूथ वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा लिया जहां पर उन्होंने गोल्ड मेडल जीतने के बाद अपने करियर को अलग उड़ान देने का काम किया। इसके बाद निकहत ने साल 2013 में यूथ वर्ल्ड चैंपियशिनप में सिल्वर मेडल जीतने में भी कामयाबी हासिल की। साल 2022 में निकहत ने अपने बॉक्सिंग के करियर का अब तक का सबसे बड़ा इवेंट जीता जिसमें उन्होंने वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले में थाईलैंड की बॉक्सर खिलाड़ी खिलाड़ी जुतामस जितपोंग को मात देने के साथ गोल्ड मेडल जीता था।

कॉमनवेल्थ डेब्यू में गोल्ड मेडल पर किया कब्जा, एशियन गेम्स में जीता कांस्य

साल 2022 में निकहत जरीन को कॉमनवेल्थ गेम्स में खेलने का मौका मिला और उन्होंने यहां पर सीधे गोल्ड मेडल पर कब्जा करने के साथ खुद की प्रतिभा का लोहा भी मनवाया। वहीं साल 2023 में हुए एशियन गेम्स में निकहत भले ही उम्मीदों पर पूरी तरह से खरा नहीं उतर सकी लेकिन वह कांस्य पदक को अपने नाम करने में जरूर कामयाब रही थी।

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