बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों के लिए दूसरे दर्ज की हॉकी टीम भेजेगा भारत
इससे पहले भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) और अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने ऐसा दावा किया था।
भारत इस साल होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों की पुरुष और महिला हॉकी स्पर्धाओं के लिए दूसरे दर्जे की टीम भेजेगा क्योंकि बर्मिंघम में होने वाले इन खेलों और हांगझोउ एशियाई खेलों के बीच अधिक समय नहीं है। एशियाई खेल 2024 पेरिस ओलंपिक के क्वालीफायर हैं। हॉकी इंडिया के एक शीर्ष अधिकारी ने शनिवार को इसकी पुष्टि की।
इससे पहले भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) और अंतरराष्ट्रीय हॉकी महासंघ (एफआईएच) के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने ऐसा दावा किया था। हॉकी इंडिया के अधिकारी ने पीटीआई को बताया, ‘‘हमारे पास तीन टीम हैं, इंडिया सीनियर, भारत ए और जूनियर टीम और इस साल हम राष्ट्रमंडल खेलों के लिए अपनी ‘ए’ टीम भेजेंगे क्योंकि हम नहीं चाहते कि हमारे मुख्य खिलाड़ी अधिक महत्वपूर्ण एशियाई खेलों से पहले ही अपने शीर्ष पर पहुंच जाएं।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘एशियाई खेलों की टीम में जगह नहीं बनाने वाले रिजर्व खिलाड़ियों को वहां (बर्मिंघम) भेजेंगे क्योंकि दोनों खेलों के बीच में सिर्फ 32 दिन का अंतर है। हम चाहते है कि हमारे मुख्य खिलाड़ी एशियाई खेलों के लिए पूरी तरह फिट हों क्योंकि यह ओलंपिक क्वालीफायर हैं।’’
बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन इस साल 28 जुलाई से आठ अगस्त तक होना है जबकि एशियाई खेल 10 से 25 सितंबर तक होंगे। हॉकी इंडिया ने कोविड-19 से जुड़ी चिंताओं और बर्मिंघम खेलों तथा हांगझोउ एशियाई खेलों के बीच कम दिन के अंतर का हवाला देकर पिछले साल राष्ट्रमंडल खेलों से अपनी टीम हटा ली थी लेकिन बाद में खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के हस्तक्षेप के बाद इस फैसले को बदल दिया था।
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हालांकि एशियाई खेलों की अहमितय को देखते हुए भारत ने राष्ट्रमंडल खेलों के लिए अपनी मुख्य टीम को नहीं भेजने का फैसला किया है। हॉकी इंडिया को हाालंकि यकीन है कि टूर्नामेंट में चाहे कोई भी खिलाड़ी खेलें भारत इन खेलों में अच्छा प्रदर्शन करेगा क्योंकि मौका मिलने और जरूरत पड़ने पर कोर समूह के खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन करते हैं। अधिकारी ने हालांकि संकेत दिए कि दोनों सीनियर टीम के पहली पसंद गोलकीपर को बर्मिंघम खेलों के लिए भेजा जा सकता है जिससे कि उन्हें एशियाई खेलों से पहले मैच अभ्यास का जरूरी मौका मिले।
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उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हां, संभावना है कि हम अपने मुख्य गोलकीपर को राष्ट्रमंडल खेलों के लिए भेज सकते हैं क्योंकि वहां उन्हें अनुभव और मैच खेलने का मौका मिलेगा।’’ भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने पिछले साल तोक्यो ओलंपिक खेलों मे एतिहासिक कांस्य पदक जीता था जो 1980 में मॉस्को खेलों के बाद उसका पहला ओलंपिक हॉकी पदक था।
महिला टीम हालांकि कांस्य पदक के प्ले आफ में ग्रेट ब्रिटेन से 3-4 से हारने के बाद पहले ओलंपिक पदक से चूक गई थी। राष्ट्रमंडल खेलों में भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पुरुष वर्ग में 2010 और 2014 में रजत पदक है। आस्ट्रेलिया ने 1998 में राष्ट्रमंडल खेलों में हॉकी को शामिल किए जाने के बाद से सभी छह स्वर्ण पदक जीते हैं।