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Hindi News खेल अन्य खेल 'खिलाड़ियों की सोच में बदलाव आया है', पेरिस ओलंपिक में मेडल जीतने की संभावनाओं पर बोले गगन नारंग

'खिलाड़ियों की सोच में बदलाव आया है', पेरिस ओलंपिक में मेडल जीतने की संभावनाओं पर बोले गगन नारंग

पेरिस ओलंपिक में 2024 शेफ डी मिशन की जिम्मेदारी गगन नारंग को मिली है। अब उन्होंने बताया है कि प्लेयर्स की मानसिकता बदल गई है और उनकी सोच में बदलाव आया है।

Gagan Narang- India TV Hindi Image Source : GETTY Gagan Narang

Gagan Narang: गगन नारंग ने भारत के लिए लंदन ओलंपिक 2012 में शूटिंग में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। इस बार पेरिस ओलंपिक 2024 के लिए वह शेफ डी मिशन की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। यह एक अहम प्रशासनिक पद होता है। इसमें भाग लेने वाले एथलीटों की सुविधा और जरूरतों को ध्यान में रखते हुए आयोजन समिति से लगातार संपर्क में रहना होता है। अब उन्होंने बताया है कि पिछले कुछ सालों में भारतीय एथलीट्स की मानसिकता बदल गई है। उनका कॉन्फिडेंस अलग लेवल पर पहुंच चुका है।

खिलाड़ियों की मानसिकता में आया बदलाव: गगन नारंग

इंडिया टीवी के स्पोर्ट्स एडिटर समीप राजगुरु के साथ खास बातचीत में उन्होंने कहा कि आज हमारे एथलीटों की प्रेरणा और सोच के स्तर में बहुत बड़ा बदलाव आया है। हम डरे-डरे रहते थे। क्योंकि दूसरे देश बेहतर थे। लेकिन धीरे-धीरे यह बदल गया है, मानसिकता बदल गई है। लोगों ने खेल देखना, खेलना शुरू किया। फिर हमने शानदार प्रदर्शन किया। आज के एथलीट सिर्फ भाग लेने नहीं जाते, वे प्रदर्शन करने जाते हैं। टॉप 8 या 5 में से कोई आज पदक जीतना चाहता है और सिर्फ कोई पदक नहीं बल्कि स्वर्ण पदक जीतना चाहता है। आज के एथलीटों की सोच में यही अंतर है।

गगन नारंग को इस बात पर है गर्व

एथलीट के रूप में चार ओलंपिक में खेलने पर गगन नारंग ने कहा कि मुझे उन कुछ शेफ डी मिशन में से एक होने पर खुशी और गर्व महसूस हो रहा है जो ओलंपिक पदक विजेता भी हैं। यह मेरे लिए सम्मान की बात है। मैं निशानेबाजी एथलीटों के लिए योगदान दे रहा था और अब मैं सभी भारतीय एथलीटों के लिए योगदान देने में सक्षम हूं।  ये जिम्मेदारी भरा और प्रेशर वाला काम है। मैं प्रेशर हैंडल कर सकता हूं। जैसे मैंने लंदन में किया था।  यह एक अलग तरह का दबाव है

उन्होंने कहा कि इस बार सरकार से जो समर्थन मिला है, वह पहले कभी नहीं मिला। पिछले कुछ सालों में समर्थन बढ़ा है, TOPS के खिलाड़ियों का समर्थन बढ़ा है, उन्हें वे सभी सुविधाएं मिली हैं जो वे चाहते थे। मंत्रालय और SAI, IOA NSF के बीच अभूतपूर्व समन्वय है। उम्मीद है कि एथलीट प्रेरित होंगे और यह पदक जीतेंगे। 

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