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Hindi News खेल अन्य खेल कभी अर्जेंटीना को दिलाया था ओलंपिक गोल्ड, अब बेइज्जत होने के बाद दूसरे देश के लिए खेलेंगे वर्ल्ड कप

कभी अर्जेंटीना को दिलाया था ओलंपिक गोल्ड, अब बेइज्जत होने के बाद दूसरे देश के लिए खेलेंगे वर्ल्ड कप

अर्जेंटीना को रियो ओलंपिक में ऐतिहासिक गोल्ड मेडल जिताने वाले दो धुरंधर खिलाड़ी 2023 हॉकी वर्ल्ड कप में दूसरे देशों के लिए खेलते नजर आएंगे।

Gonzalo Peillat- India TV Hindi Image Source : GETTY Gonzalo Peillat

चार साल पहले, 2018 में भुवनेश्वर में हुए हॉकी वर्ल्ड कप के क्वार्टरफाइनल में अर्जेंटीना का मुकाबला इंग्लैंड से था। वे आखिरी मिनटों में 2-3 से पिछड़ रहे थे कि तभी अर्जेंटीना के स्टार ड्रैग फ्लिकर गोंजालो पियात ने हाफ लाइन से शॉट मारा जो गोल पोस्ट के पास इंग्लिश प्लेयर की स्टिक से लगकर दूर चला गया। इसके ठीक बाद फाइनल व्हिसल बजी और अर्जेंटीना को हार मिली। यह पिलात का अर्जेंटीना के लिए खेला आखिरी मैच और आखिरी शॉट था। 2016 रियो ओलंपिक के टॉस स्कोरर और अर्जेंटीना को ऐतिहासिक ओलंपिक गोल्ड जिताने वाले इस स्टार प्लेयर की इसके बाद टीम से छुट्टी हो गई। उन्होंने एक बार फिर से चार साल बाद ओडिशा की धरती पर वर्ल्ड कप खेलने के लिए वापसी की है। लेकिन इस बार उनकी जर्सी का रंग अलग होगा।

वर्ल्ड कप में बदले हुए दिखेंगे पियात और मेनिनी के जर्सी के रंग

पियात ने अब तक अपने इंटरनेशनल करियर में 153 मैचों में 176 गोल किए हैं। अर्जेंटीना की टीम से 2018 में बाहर किए जाने के बाद यह दिग्गज खिलाड़ी पूरे तीन साल तक इंटरनेशनल हॉकी से बाहर रहा। 2016 रियो ओलंपिक जीतने वाली अर्जेंटीना की चैंपियन टीम में पियात अकेले खिलाड़ी नहीं थे जिनका 2018 वर्ल्ड के बाद अंर्जेंटीना के लिए करियर खत्म हुआ। स्ट्राइकर जोक्वेन मेनिनी, जिन्होंने अर्जेंटीना के लिए 110 इंटरनेशनल मैच खेले थे, उनका करियर भी भुवनेश्वर में इंग्लैंड के खिलाफ चार साल पहले हुए मुकाबले के बाद खत्म हो गया। मेनिनी भी तीन साल तक इंटरनेशनल हॉकी से दूर रहने के लिए मजबूर हुए।

जर्मनी और स्पेन के हुए पियात और मेनिनी

चार साल बाद, ये दोनो खिलाड़ी पियात और मेनिनी फिर से ओडिशा लौट आए हैं और ये दोनों धुरंधर 2023 वर्ल्ड कप में हिस्सा लेंगे। इस बार उनके बदन पर अर्जेंटीना की जर्सी नहीं होगी। पियात इस वर्ल्ड कप में जर्मनी के लिए खेलते नजर आएंगे, जबकि मेनिनी स्पेन की ओर से मैदान में जलवा बिखेरेंगे। हालांकि हॉकी की दुनिया में यह बेहद कम होता है लेकिन राउरकेला और भुवनेश्वर के मैदान पर 13 से 29 जनवरी तक होने वाले वर्ल्ड कप में ऐसा होता नजर आएगा। दरअसल, पियात और मेनिनी पहले ओलंपिक चैंपियन हैं जिन्होंने इंटरनेशनल हॉकी में अपना देश बदल लिया।