IPL की तरह एक और लीग का भारत में होगा आयोजन, जानें कितनी फ्रेंचाइजी लेंगी हिस्सा
आईपीएल की तर्ज पर भारत में एक और लीग होने जा रही है। इस लीग में भी फ्रेंचाइजी के आधार पर टीमें बनेंगी। पहले सीजन का आयोजन इस साल दिसंबर में हो सकता है।
भारत ही नहीं पूरी दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग आईपीएल के 16 सीजन खेले जा चुके हैं। साल 2008 से इस लीग की शुरुआत हुई थी और साल 2023 तक इसके 16 सीजन खेले जा चुके हैं। अब आईपीएल की तर्ज पर भारत में एक और लीग होने जा रही है। इस लीग में भी फ्रेंचाइजी के आधार पर टीमें बनेंगी। इसके लिए आई जानकारी के अनुसार अभी तक 6 से 8 टीमें हिस्सा ले सकती हैं। इस लीग के पहले सीजन का आयोजन भी इस साल दिसंबर में हो सकता है। इसके लिए प्रक्रिया अगले 15 दिन में शुरू हो सकती है।
आपको बता दें कि अखिल भारतीय शतरंज महासंघ ने इंडियन प्रीमियर लीग की तर्ज पर फ्रेंचाइजी आधारित शतरंज टूर्नामेंट शुरू करने का मन बना लिया है। शतरंज की फ्रेंचाइजी आधारित लीग में छह से आठ टीमें हो सकती हैं। इसके शुरूआती सत्र का आयोजन इस साल दिसंबर में होने की बात कही जा रही है। इसके लिए एआईसीएफ आम सभा की रविवार को कानपुर में बैठक हुई थी। जिसमें इस बारे में चर्चा की गई थी।
बोर्ड का भी होगा गठन
एआईसीएफ के अध्यक्ष संजय कपूर ने इस बारे में पूछे जाने पर पीटीआई-भाषा से कहा कि, हमें भारतीय शतरंज का चेहरा बदलना होगा। यह आईपीएल जैसा होगा। प्रत्येक राज्य शतरंज संघ को हर साल सात लाख रुपए मिलेंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि कानपुर बैठक के दौरान उन्होंने जो प्लान तैयार किया है उससे राज्य निकायों को अगले तीन-चार साल में अनुग्रह राशि के रूप में लगभग 25 लाख रुपए मिलेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि, एआईसीएफ देश में खेल को प्रोफेशनल तरीके से चलाने के लिए एक प्रबंधन बोर्ड बनाएगा।
यह दिग्गज देंगे फेडरेशन का साथ
उन्होंने आगे कहा कि, हमें आगे बढ़ने के लिए अपनी मानसिकता बदलनी होगी। हमें अपनी कमियों के बारे में सोचना होगा और हर समय उस पर काम करना होगा। तीन साल के बाद हमें किसी सरकारी फंडिंग की जरूरत नहीं होगी। यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने विश्वनाथन आनंद और कोनेरू हंपी जैसे भारतीय शतरंज के दिग्गजों के लिए किसी भूमिका की परिकल्पना की है, इस पर कपूर ने कहा, वे हमारे साथ हैं। आनंद अंतरराष्ट्रीय शतरंज महासंघ के उपाध्यक्ष हैं। वह हमेशा महासंघ के साथ हैं। आनंद एक ‘आइकन’ हैं और वह भारतीय शतरंज के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।