इस महान भारतीय फुटबॉलर ने कहा दुनिया को अलविदा, शोक में डूबा खेल जगत
देश के एक दिग्गज फुटबॉलर ने अचानक दुनिया को अलविदा कह दिया।
देश के पूर्व दिग्गज फुटबॉल खिलाड़ी परिमल डे का अचानक लंबी बीमारी के चलते बुधवार को निधन हो गया है। परिमल 81 साल के थे। परिमल का जन्म 4 मई 1941 को हुआ है। उन्हें 2019 में पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा बंग भूषण की उपाधि से सम्मानित किया गया था। 60 के दशक में परिमल ने काफी शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन अब ये खिलाड़ी इस दुनिया से अलविदा कह चुका है।
इस गोल के लिए किया जाता है याद
उन्होंने कुआलालंपुर में 1966 मर्डेका कप में कोरिया गणराज्य के खिलाफ मैच का एक मात्र गोलकर भारत को कांस्य पदक दिलाया। घरेलू स्तर पर उन्होंने अपनी टीम को 1962, 1969 में दो बार संतोष ट्रॉफी जिताने का गौरव प्राप्त हुआ। पूर्वी बंगाल के लिए फारवर्ड के रूप में खेलते हुए उन्होंने 84 गोल किए और 1968 में क्लब की कप्तानी भी की। डे ने 1966, 1970 और 1973 में तीन बार कलकत्ता फुटबॉल लीग और आईएफए शील्ड जीतने का गौरव हासिल किया और बीएनआर (1966) और ईरानी पक्ष पीएएस क्लब (1970) के खिलाफ आईएफए शील्ड फाइनल में गोल कर भारतीय फुटबॉल लोककथाओं में अपना नाम दर्ज कराया।
1966 में किया यादगार प्रदर्शन
1966 का सीएफएल डे के लिए एक बड़ा टूर्नामेंट था क्योंकि उन्होंने पहले नौ मैचों में से प्रत्येक में गोल किया था। इनके अलावा, उन्होंने डूरंड कप (1967, 1970), रोवर्स कप (1967, 1969, 1973) में भी अपनी टीम को जिताया। डे 1971 में मोहन बागान के लिए भी खेले और उस साल फिर से अपनी टीम को रोवर्स कप जिताया। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने डे के निधन पर शोक व्यक्त किया।
एआईएफएफ के अध्यक्ष कल्याण चौबे ने कहा, "भारत के पूर्व स्टार परिमल डे का निधन भारतीय फुटबॉल के लिए एक बड़ी क्षति है। 1960 के दशक के सर्वश्रेष्ठ योजनाकारों में से एक थे और आज तक प्रशंसकों के दिलों और दिमाग में बने हुए हैं।" एआईएफएफ के महासचिव शाजी प्रभाकरन ने कहा, परिमल डे के निधन से पूरी भारतीय फुटबॉल बिरादरी बेहद सदमे में है। उनके परिवार के प्रति मेरी संवेदना है। उनकी आत्मा को शांति मिले।