FIFA U-17 Women World Cup 2022: कोलंबिया को हराकर चैंपियन बनी स्पेन, मेजबान भारत का हुआ टूर्नामेंट में बुरा हाल
FIFA U-17 Women World Cup 2022: स्पेन की टीम ने फाइनल मुकाबले में अपने खुद के गोल नहीं बल्कि कोलंबिया के गोल से ही उन्हें हरा दिया।
FIFA U-17 Women World Cup 2022: भारत में आयोजित हुए फीफा अंडर-17 महिला वर्ल्ड कप 2022 का समापन हो गया है। फाइनल मुकाबले में स्पेन ने कोलंबिया को 1-0 से हराकर यह खिताब अपने नाम किया। इस टूर्नामेंट का फाइनल मुकाबला नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्पोर्ट्स स्टेडियम में खेला गया। पूरे टूर्नामेंट में कोलंबिया की टीम का प्रदर्शन शानदार रहा और यही कारण था कि टीम पहली बार फाइनल में भी पहुंची। लेकिन जिस तरह से निर्णायक मुकाबले में कोलंबिया को हार मिली वो काफी निराशाजनक था। 81 मिनट तक यह मुकाबला पेनल्टी शूटआउट तक जाता दिख रहा था।
अपने ही खिलाड़ी के गोल से हारी कोलंबिया
आपको बता दें कि मौजूदा चैम्पियन स्पेन ने पहली बार फाइनल में पहुंची कोलंबिया की टीम को 1-0 से हराकर रविवार को फीफा अंडर-17 महिला विश्व कप का खिताब अपने नाम किया। प्रतियोगिता में इससे पहले शानदार प्रदर्शन करने वाले कोलंबिया के लिए अंत निराशाजनक रहा क्योंकि वह आत्मघाती गोल के कारण हार गया। फाइनल मुकाबले के 82वें मिनट में कोलंबियाई डिफेंडर एना मारिया गुजमैन जापाटा ने आत्मघाती गोल किया जो आखिर में निर्णायक साबित हुआ।
एशियाई फुटबॉल महासंघ और अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के शीर्ष अधिकारियों के साथ फीफा अध्यक्ष जियानी इन्फेंटिनो भी फाइनल मुकाबले के लिए मुंबई में मौजूद थे। क्रिस्टीना के गोल के साथ ही स्पेन ने बढ़त बना ली थी, जब कोलंबियाई गोलकीपर ने पहली बार बॉल रोकने के बाद उसने रिबाउंड पर गोल किया। स्कोर 0-0 बना रहा क्योंकि वीडियो असिस्टेंट रेफरी (VAR) की समीक्षा के बाद इसे अस्वीकार कर दिया गया। बाद में रेफरी ने फैसला सुनाया कि क्रिस्टीना ने गेंद को अपने हाथ से छुआ था।
भारत ग्रुप स्टेज से ही हुआ बाहर
वहीं इस टूर्नामेंट में मेजबान भारत के प्रदर्शन की बात करें तो वो बेहद बुरा रहा। भारतीय टीम ग्रुप ए में घाना, कोलंबिया और यूनाइटेड स्टेट के साथ मौजूद थी। यहां ग्रुप स्टेज के तीनों मैचों में हारने के बाद टीम का सफर खत्म हो गया था। पहले मैच में यूएस ने भारत को 3-0, फिर दूसरे मैच में कोलंबिया ने 2-1 और तीसरे मैच में घाना ने 4-0 से हरा दिया था। यहीं से भारतीय टीम का आगे जाने का सफर खत्म हो गया था।