दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फुटबॉल खिलाड़ियों में से एक डिएगो माराडोना के द्वारा 1986 विश्व कप में इंग्लैंड के क्वार्टर फाइनल मैच में पहनी गई जर्सी पहली बार नीलम होगी। इसके लिए नीलामीकर्ताओं को लगभग 40 लाख पाउंड (लगभग 52 लाख डॉलर या लगभग 40 करोड़ रुपये) की बोली लगने की उम्मीद है। इस मैच को विवादास्पद ‘हैंड ऑफ गॉड’ गोल के लिए जाना जाता है।
यादों के पन्नों को अगर पलटें तो इस मैच में माराडोना हेडर से गोल करना चाहते थे लेकिन गेंद कथित तौर पर उनके हाथ से टकराकर गोल पोस्ट में चली गई थी और मैच रेफरी इसे देखने में विफल रहे थे। उन्होंने हालांकि इस मैच में अपनी ख्याति के अनुरूप इंग्लैंड की लगभग पूरी टीम को अपनी शानदार ड्रिबलिंग से छकाते हुए गोलकर टीम को यादगार जीत दिलाई थी।
नीलामीकर्ता सोथबाय ने बुधवार को कहा कि 20 अप्रैल को शुरू होने वाली ऑनलाइन नीलामी में जर्सी को 40 लाख पाउंड से अधिक की राशि मिल सकती है। स्ट्रीटवियर और आधुनिक संग्रहणीय वस्तुओं की नीलामी देखने वाले सोथबाय के प्रमुख बराहम वाचर ने कहा कि यह शर्ट ‘दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण खेल यादगार वस्तुओं की एक छोटी सूची में शामिल है।
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वाचर ने कहा, ‘मेरे लिए यह शायद सबसे बड़ा काम होगा।’’ मेक्सिको सिटी में 22 जून 1986 को खेले गए इस मैच का महत्व और भी अधिक था क्योंकि इससे चार साल पहले ब्रिटेन और अर्जेंटीना के बीच फॉकलैंड द्वीप को लेकर संघर्ष हुआ था। उन्होंने आगे कहा कि, यह गोल ‘माराडोना के सिर और भगवान के हाथ (हैंड ऑफ गॉड) के मिश्रण से हुआ था। मैच के उनके दूसरे गोल को 2002 में फीफा के जनमत में ‘सदी का सर्वश्रेष्ठ’ गोल चुना गया था।
अर्जेंटीना इस मैच को 2-1 से जीतने के बाद सेमीफाइनल और फाइनल में जीत दर्ज कर चैम्पियन बना था। इस मैच के बाद माराडोना ने इंग्लैंड के मिडफील्डर स्टीव हॉज के साथ जर्सी की अदला-बदली की। उन्होंने अब तक इसे कभी बेचा नहीं था। यह पिछले 20 वर्षों से मैनचेस्टर में इंग्लैंड के राष्ट्रीय फुटबॉल संग्रहालय के लिए ऋण पर है।