CWG 2022: भारत के महान टेबल टेनिस खिलाड़ी अचंता शरत कमल ने अपनी काबिलियत के आगे एक बार फिर से उम्र को धता बता दिया। 40 साल के शरत ने रविवार को राष्ट्रमंडल खेलों में मिश्रित युगल स्पर्धा में पहली बार पदक जीता और इतिहास रच दिया। उन्होंने अपने से उम्र में 16 साल छोटी 24 साल की श्रीजा अकुला के साथ मिलकर देश को टेबल टेनिस के मिश्रित युगल में पहली बार गोल्ड दिलाया। अचंता और श्रीजा की जोड़ी ने मलेशिया के जावेन चुंग और कारेन लाइने को 11-4, 9-11, 11-5, 11-6 से हराकर पीला तमगा जीता।
शरत ने पुरुषों के एकल स्पर्धा के फाइनल में भी अपनी जगह पक्की की और साथ ही सिल्वर मेडल भी पक्का कर लिया। पिछली बार गोल्ड कोस्ट में कांस्य पदक जीतने वाले 40 वर्षीय शरत ने सेमीफाइनल में मेजबान देश के पॉल ड्रिंकहाल को 11-8, 11-8, 8-11, 11-7, 9-11, 11-8 से हराया। वह 2006 में मेलबर्न खेलों में फाइनल में पहुंचे थे और स्वर्ण पदक जीता था। फाइनल में पहुंचने के साथ ही उनका कम से कम रजत पदक पक्का हो गया जिससे राष्ट्रमंडल खेलों में उनके 12 पदक हो गए हैं।
शरत इस बार के कामनवेल्थ गेम्स में अभी तक तीन मेडल जीत चुके हैं और आज फाइनल में चौथे मेडल और तीसरे गोल्ड के लिए खेलेंगे। इससे पहले उन्होंने टीम इवेंट में गोल्ड और साथियान के साथ पुरुष युगल में सिल्वर जीते। जबकि रविवार को मिक्स्ड डबल्स में गोल्ड जीतने में सफल रहे।
इससे पहले पुरूष एकल में भारत के गुणासेकरन साथियान सेमीफाइनल में इंग्लैंड के लियाम पिचफोर्ड से 5-11, 11-4, 8-11, 9-11, 9-11 से हार गए। अब वह आज कांस्य पदक के लिये पॉल ड्रिंकहाल से खेलेंगे।
Koo AppSHARATH & SREEJA WIN GOLD!! India’s Table Tennis duo #SreejaAkula & #SharathKamal bag a gold medal in the Mixed Doubles event at the #CommonwealthGames2022 after defeating team Malaysia (3-1). Congratulations on your wonderful victory!! #CWG2022 | #CWG2022India @media_sai View attached media content
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YASMinistry (@YASMinistry) 8 Aug 2022
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दोनों खिलाड़ियों को बधाई दी और कहा कि उन्होंने अनुभव और युवा के मिश्रण से टेबल टेनिस में भारत के लिए इतिहास रचा। राष्ट्रपति ने कहा, "शरत कमल और श्रीजा अकुला को राष्ट्रमंडल खेलों में टेबल टेनिस की मिश्रित युगल में स्वर्ण पदक जीतने पर हार्दिक बधाई। उनके अनुभव और युवा के मिश्रण से भारत ने टेबल टेनिस में इतिहास रचा। उन्होंने सुनिश्चित किया कि बर्मिंघम में फिर से तिरंगा लहराए।"