चीन की टेनिस स्टार पेंग शुआई शारीरिक शोषण के अपने पुराने आरोपों से पलट गई है। शुआई ने फ्रांस के एक अखबार को बताया कि उन्होंने कभी चीनी अधिकारी के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप नहीं लगाये थे और दुनिया भर के लोगों में उनको लेकर चिंता ‘बड़ी गलतफहमी’ का नतीजा है।
फ्रांस के खेल अखबार ‘ल एक्विप’ में सोमवार को उनका इंटरव्यू प्रकाशित हुआ है । इसमें हालांकि यौन उत्पीड़न के शुरूआती आरोपों और चीन की सरकार द्वारा किसी तरह का दबाव बनाये जाने जैसे कई अहम सवालों का जवाब नहीं मिला। पेंग ने अखबार से कहा ,‘‘ यौन उत्पीड़न । मैने कभी ऐसा कुछ नहीं कहा। यह बहुत बड़ी गलतफहमी है । उस पोस्ट के अब कोई मायने नहीं निकाले जाने चाहिये ।’’ वह पोस्ट पेंग के अकाउंट के तुरंत हटा दी गई।
इस बारे में अखबार के पूछने पर उसने कहा ,‘‘ मैने उसे हटाया।’’ इसका कारण पूछने पर पेंग ने कहा ,‘‘ क्योंकि मैं ऐसा चाहती थी।’’ उसने इन सवालों का कोई सीधे जवाब नहीं दिया कि क्या चीनी सरकार ने उस पर दबाव बनाया है। उसने कहा ,‘‘ मैं कहना चाहती हूं कि भावनायें ,खेल और राजनीति अलग अलग है। मेरी रूमानी समस्याओं, निजी जिंदगी को खेल और राजनीति से नहीं जोड़ा जाना चाहिये ।’’ यह पूछने पर कि नवंबर की उस पोस्ट के बाद उनका जीवन कैसा है, उसने कहा ,‘‘ जैसा होना चाहिये । कुछ खास नहीं ।’’
अखबार ने कहा कि उसने एक दिन पहले बीजिंग के एक होटल में पेंग से एक घंटे तक बात की। चीन की ओलंपिक समिति ने यह इंटरव्यू लेने में मदद की। वहीं, इससे पहले अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने एक बयान में कहा कि आईओसी अध्यक्ष थॉमस बाक ने शनिवार को पेंग के साथ डिनर किया और उसने आईओसी सदस्य क्रिस्टी कोवेंट्री के साथ चीन और नॉर्वे का कर्लिंग मैच देखा।
अखबार ने कहा कि उसे सवाल पहले ही भेजने पड़े और चीन की ओलंपिक समिति के एक अधिकारी ने ट्रांसलेटर की भूमिका निभाई। बता दें कि नवंबर में पेंग ने चीन के पूर्व उप प्रधानमंत्री और सत्तारूढ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के पोलितब्यूरो की स्थायी समिति के सदस्य झांग गाओली पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। इसके बाद से उनके गायब होने की खबरें सामने आ रही थी।