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CAS ने विनेश फोगाट के मामले पर दिया विस्तृत फैसला, जानें क्यों विनेश के हक में नहीं गई चीजें

विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक में अपने वजन को लेकर याचिका दायर की थी, हालांकि CAS ने उनकी याचिका को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि हर एथलीट को अपने भार वर्ग की सीमा में रहना जरूरी है।

Vinesh Phogat- India TV Hindi Image Source : PTI विनेश फोगाट के साथ भारत के अन्य रेसलर

विनेश फोगाट, भारत की टॉप महिला रेसलर, हाल ही में खेल पंचाट न्यायालय (CAS) द्वारा दिए गए फैसले के बाद सुर्खियों में हैं। उन्होंने पेरिस ओलंपिक में अपने वजन को लेकर याचिका दायर की थी, जिसमें उन्होंने सिंगलेट (पहलवानों का पहनावा) के वजन को लेकर सहनशीलता की मांग की थी। लेकिन CAS ने उनकी याचिका को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि हर एथलीट को अपने भार वर्ग की सीमा में रहना जरूरी है, और इसमें कोई भी छूट नहीं दी जा सकती। 

CAS ने क्या कहा

CAS के फैसले में कहा गया कि खेलों में सभी प्रतिभागियों के लिए नियम समान होते हैं और इन नियमों में कोई भी ढील नहीं दी जा सकती, चाहे वह सिंगलेट के वजन की बात हो या किसी अन्य कारण से। यह जिम्मेदारी एथलीट की होती है कि वह अपने भार वर्ग की सीमा में रहे। विनेश फोगाट का मामला यह था कि उनका वजन निर्धारित सीमा से 100 ग्राम अधिक था। उन्होंने इस मामूली बढ़त के लिए सहनशीलता की मांग की थी, क्योंकि यह वृद्धि मासिक धर्म के कारण पानी के रिटेंशन और पानी पीने के कारण हुई थी। लेकिन न्यायालय ने इसे स्वीकार नहीं किया और स्पष्ट कर दिया कि नियमों में कोई सहनशीलता का प्रावधान नहीं है।

क्या विनेश करेंगी कुश्ती में वापसी?

पेरिस ओलंपिक में इस घटना के बाद विनेश फोगाट को बहुत निराशा हुई। उन्हें स्वर्ण पदक के लिए होने वाले फाइनल मुकाबले में भाग लेने से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इस घटना से हताश होकर उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर संन्यास की घोषणा कर दी। हालांकि, पेरिस से भारत लौटने के बाद, जब वह अपने गांव और परिवार के सदस्यों से मिलीं, तो उन्हें अपने समर्थकों से बहुत स्नेह और सपोर्ट मिला। 

वहां आई भीड़ को संबोधित करते हुए विनेश ने कहा कि वह इस घाव को भरने के लिए कुछ साहस जुटाने की कोशिश करेंगी। वहीं उन्होंने अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भी किया था। जिससे ऐसा लग रहा है कि वह वापसी कर सकती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ओलंपिक पदक चूकना उनके जीवन का सबसे बड़ा दुख है, और वह नहीं जानतीं कि इस घाव को भरने में कितना समय लगेगा। लेकिन उन्होंने यह भी संकेत दिया कि उन्हें मिले साहस का सही दिशा में उपयोग करने की इच्छा है।